जिले में विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित निवासियों की शिकायतों का एक ही छत के नीचे समाधान करने के लिए आयोजित किए जा रहे समाधान शिविरों के सकारात्मक एवं उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।
जिले में आयोजित समाधान शिविरों में अब तक 6,838 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 5,940 का समाधान किया जा चुका है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 216 शिकायतें फिर से खोली गईं, जबकि 265 को खारिज कर दिया गया। इस प्रकार, अभी तक शिविरों में दर्ज 103 शिकायतें लंबित हैं।
रोहतक के अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, “निवासी आसान पहुँच और अपनी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के कारण समाधान शिविरों में आते हैं। इससे शिविरों में उनका विश्वास बढ़ रहा है। हमें निवासियों की समस्याओं के बारे में भी पता चलता है और हम उनके अनुसार उचित कार्रवाई करते हैं।”
उन्होंने बताया कि कई निवासी जिन्होंने पहले अन्य प्लेटफार्मों/पोर्टलों पर अपनी शिकायतें दर्ज कराई थीं, वे भी त्वरित समाधान के लिए समाधान शिविरों में आए।
एडीसी ने कहा, “समाधान शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं और वहां दर्ज शिकायतों के निपटान/स्थिति की लगातार निगरानी की जाती है।”
कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समाधान शिविरों में प्राप्त प्रत्येक शिकायत का यथाशीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए। वे सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय में आयोजित समाधान शिविर में नगराधीश अंकित कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल और जिला राजस्व अधिकारी प्रमोद चहल के साथ निवासियों की शिकायतें सुन रहे थे।
एडीसी ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को लीकेज रोकने, निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने तथा सीवरेज प्रणाली की नियमित सफाई करवाने के निर्देश दिए।
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