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उत्पादकता बढ़ाने के लिए पोंग जलाशय में 65 लाख मछली बीज डाले जाएंगे

65 lakh fish seeds will be injected into Pong reservoir to increase productivity

निचली कांगड़ा पहाड़ियों में महाराणा प्रताप सागर के नाम से प्रसिद्ध पौंग जलाशय में मछली उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य मत्स्य विभाग ने इस माह के अंत तक इसमें 65 लाख मछली बीज डालने की योजना बनाई है।

जानकारी के अनुसार जलाशय में कतला, मोरी, ग्रास कार्प मछली प्रजातियों के बीज का उपयोग किया गया है, जिनका आकार 70 मिमी से अधिक है।

जलाशय में विभिन्न प्रजातियों के नए मछली बीज डालने का मुख्य उद्देश्य यहां के मछुआरों की आय को बढ़ाना है। मत्स्य पालन विभाग मछली प्रजनन के लिए हर साल 15 जून से 15 अगस्त तक राज्य भर के जलाशयों और जल निकायों में मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।

मत्स्य विभाग बिलासपुर के निदेशक विवेक चंदेल के अनुसार इस वर्ष विभाग ने जलाशय में कतला प्रजाति के 30 लाख बीज, रोहड़ू प्रजाति के 20 लाख बीज, मोरी प्रजाति के 5 लाख बीज तथा ग्रास कार्प प्रजाति के 10 लाख बीज डालने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा नामित डॉ. राकेश कुमार की देखरेख में तथा स्थानीय मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों, ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों तथा मत्स्य विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति में जलाशय के किनारे एक विशेष स्थान, सिहाल में बीज डाले जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “विभाग ने गत वर्ष मार्च तक पौंग जलाशय में 340 टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जबकि इस वर्ष मार्च तक गत वर्ष इसी अवधि में 330 टन मछली उत्पादन हुआ है।”

जानकारी के अनुसार पौंग जलाशय में 15 पंजीकृत सहकारी समितियों के 3,338 मछुआरे जलाशय में मछली पकड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। 24,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह मानव निर्मित जलाशय 42 किलोमीटर लंबा और 19 किलोमीटर चौड़ा है।

मत्स्य विभाग प्रत्येक मछुआरे को ऑफ-सीजन भत्ता-सह-प्रतिपूरक वित्तीय राहत के रूप में दो महीने के लिए 4,500 रुपये का भुगतान करता है। मछुआरों को 5 लाख रुपये का मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर और रियायती मूल्य पर मछली पकड़ने के जाल और नावें भी मिल रही हैं। मत्स्य समिति संघ (पौंग जलाशय) केंद्र प्रायोजित नील क्रांति आवास योजना को बहाल करने की मांग उठा रहा है, जो कुछ साल पहले गरीब मछुआरों को आवास की सुविधा प्रदान कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना को वापस ले लिया था।

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