हिसार रेंज के मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने आज कस्बे के ढाणी श्याम लाल में एक मकान में चल रहे अवैध गोदाम पर छापेमारी कर लगभग 8.55 क्विंटल नकली मावा (खोया) जब्त किया।
फ्लाइंग स्क्वायड प्रभारी सुनैना ने बताया कि मावा (प्रसंस्कृत दूध उत्पाद) को फ्रिज में गंदे पानी के बीच अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में रखा गया था और उससे दुर्गंध आ रही थी। टीम ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जिसकी पहचान राजस्थान के चुरू निवासी महावीर के रूप में हुई।
उन्होंने कथित तौर पर स्वीकार किया कि ‘मावा’ नकली था और इसे शहर की कई प्रसिद्ध दुकानों, जिनमें बीकानेर स्वीट्स भी शामिल है, के साथ-साथ जिले के बरवाला और उकलाना कस्बों के दुकानदारों को भी आपूर्ति की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि आपूर्तिकर्ता ‘मावा’ को 150 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सस्ते दामों पर बेचता था, जबकि असली दूध उत्पाद की कीमत लगभग 500 रुपये प्रति किलोग्राम थी। दुकानदार नकली मावा को शुद्ध बताकर ग्राहकों को 500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचते थे।
सूत्रों ने बताया कि त्यौहारी सीजन में, विशेषकर रक्षाबंधन और तीज पर, 35 क्विंटल मावा दो गुणवत्ता ग्रेड में आपूर्ति किया जाता है – “सुपर”, जो 250 रुपये प्रति किलोग्राम और “लो”, जो 150 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाता है।
महावीर ने बताया कि वह बीकानेर से मावा लाकर हिसार में अपने मालिक के लिए स्टॉक करता था, जो बीकानेर का रहने वाला है और पहले भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी। गोदाम से ज़ब्त किए गए बहीखाते में उन सभी दुकानों का ज़िक्र था, जहाँ मावा सप्लाई किया जाता था।
सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की प्रभारी सुनैना ने बताया कि तीज त्योहार के दौरान ‘घेवर’ (एक मौसमी मिठाई) बनाने के लिए बड़ी मात्रा में ‘मावा’ की आपूर्ति की गई थी और कई कस्बों में कई मिठाई दुकानदारों को इसे 500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा गया था।
सुनैना ने कहा कि महावीर गोदाम के दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिससे यह पुष्टि हो सके कि यह पूरी तरह से अवैध था।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. पवन चहल ने बताया कि उड़न दस्ते ने उन्हें सूचना दी थी, जिसके बाद छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार नमूने एकत्र किए हैं और लैब रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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