हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों पर काम करते हुए कुल्लू प्रशासन ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, खास तौर पर कुल्लू शहर में। पिछले दो हफ़्तों में कुल्लू शहर में सरकारी भूमि पर बनी झुग्गियों और ढाबों सहित 80 से ज़्यादा संरचनाओं की पहचान की गई है।
कुल्लू के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट विकास शुक्ला ने पुष्टि की कि प्रशासन ने सरकारी भूमि पर निर्मित वाणिज्यिक और आवासीय संरचनाओं की पहचान करने के लिए एक व्यापक अभ्यास शुरू किया है। अवैध संरचनाओं का निर्माण करने वाले 80 से अधिक व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें उन्हें दिए गए समय के भीतर अपनी इमारतों को ध्वस्त करने का आग्रह किया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि उल्लंघनकर्ता इसका पालन करने में विफल रहते हैं, तो संरचनाओं को ध्वस्त करने सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम शुक्ला के अनुसार, कई अपराधियों ने सरकारी जमीन पर आंशिक रूप से अतिक्रमण किया है, जबकि कुछ ने उस पर पूरी संरचना बना ली है। प्रशासन कुल्लू उपमंडल में ऐसे सभी अतिक्रमणों का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एक साल के भीतर कुल्लू शहर में 250 से ज़्यादा अवैध अस्थायी ढाँचे हटाए गए। अधिकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा। प्रशासन कुल्लू शहर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं कसोल में भी नोटिस जारी किए गए हैं, जहाँ इसी तरह के अतिक्रमण पाए गए थे।
यह अभियान कुल्लू प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि की सुरक्षा और क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए की गई एक बड़ी पहल का हिस्सा है। स्थानीय अधिकारियों ने कानून को बनाए रखने और सभी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। एसडीएम ने दोहराया कि प्रशासन सरकारी भूमि के उचित उपयोग और रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए समय पर और प्रभावी तरीके से इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।