टोक्यो, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो की हत्या चुनाव प्रचार के दौरान नारा शहर में एक रैली को संबोधित करते वक्त गोली मारकर कर दी गई है। उनकी हत्या की जांच 90 सदस्यीय कार्यबल करेगा, ताकि पता लगाया जा सके कि ये सब कैसे हुआ। यह जानकारी जापान की पुलिस ने दी है। अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें दिवंगत नेता की नारा यात्रा के बारे में पिछली शाम को ही पता चला था।
इस बीच, घटनास्थल पर गिरफ्तार किए गए 41 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति यामागामी तेत्सुया ने आबे को गोली मारने की बात कबूल कर ली है और कहा है कि उसे रंज इस बात की थी कि उसे जिस संगठन से शिकायत थी, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री शामिल थे।
यामागामी ने पुलिस को बताया कि उसकी मां संगठन में शामिल थी और उसने बहुत सारा पैसा संगठन को दान किया था, जिससे उसके परिवार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो गईं।
पुलिस के अनुसार, संदिग्ध ने लगभग 40 सेंटीमीटर लंबी बंदूक का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने यामागामी के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया, जहां से उन्होंने धातु और लकड़ी से बनाई हुईं कई बंदूकें जब्त कीं, जो हमले में इस्तेमाल की गई बंदूक से मिलती-जुलती थीं।
उन्होंने संदिग्ध के सामान को भी जब्त कर लिया, जिसमें एक कंधे में लटकाने वाला बैग, स्मार्टफोन और वॉलेट शामिल हैं।
संदिग्ध ने कहा है कि वह फिलहाल बेरोजगार है, उसने 2005 तक, तीन साल आत्मरक्षा बलों के साथ काम किया था।
आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे और 67 वर्ष की आयु में उनके निधन ने एक ऐसे देश को गहरा झकझोर दिया है, जहां बंदूक से अपराध बहुत दुर्लभ है।
हमले के दौरान उनकी गर्दन पर दो गोलियां लगीं और उनके दिल को नुकसान पहुंचा था।
बीबीसी के मुताबिक, आबे के शव को ले जा रहा एक वाहन शनिवार सुबह करीब छह बजे नारा के अस्पताल से टोक्यो स्थित उनके घर के लिए निकला।
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