September 21, 2024
Haryana

चुनावी मौसम में देशी शराब का उत्पादन 7.2% बढ़ा

चंडीगढ़, 25 मई राजनीतिक दलों द्वारा कार्यकर्ताओं को जोड़ने तथा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए शराब पर निर्भरता बढ़ने के कारण, हरियाणा में देशी शराब के उत्पादन में 7.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

‘शराब पर उम्मीदवार का 15% खर्च होता है’ उत्पादन में वृद्धि का कारण चुनावी मौसम में बढ़ी मांग को बताया जा रहा है। नाम न बताने की शर्त पर एक कांग्रेस नेता ने बताया, “शराब सिर्फ़ वोट के लिए नहीं बांटी जाती, बल्कि मज़दूरों को काम पर रखने के लिए भी प्रावधान किए जाने चाहिए। जिस तरह मज़दूरों के खाने, रहने और आने-जाने पर खर्च होता है, उसी तरह शराब पर भी रोज़ाना खर्च होना ज़रूरी है।”
इसी भावना को दोहराते हुए एक भाजपा नेता ने कहा, “चुनाव का मौसम जितना लंबा होगा, शराब की मांग उतनी ही अधिक होगी। शराब एक उम्मीदवार के खर्च का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है।”

डिस्टिलरी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2024 में कुल 429.8 लाख लीटर देशी शराब थोक विक्रेताओं को भेजी गई, जो 2023 की इसी अवधि से उल्लेखनीय वृद्धि है, जब 401.04 लाख लीटर का उत्पादन हुआ था। सूत्रों से पता चलता है कि मामलों के संदर्भ में, अप्रैल-मई 2024 में देशी शराब के 47.76 लाख मामलों का उत्पादन हुआ, जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान 44.56 लाख मामले थे। यह ध्यान देने योग्य है कि शराब के एक केस में सामान्यतः 9 लीटर अल्कोहल होता है।

भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) के मामले में डिस्टिलरी के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के अप्रैल-मई में उत्पादन 108.27 लाख लीटर तक पहुंच गया, जो 12.03 लाख केस के बराबर है। यह अप्रैल-मई 2023 के उत्पादन आंकड़ों से 4.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो क्रमशः 103.86 लाख लीटर और 11.54 लाख केस थे।

उत्पादन में उछाल का श्रेय खासकर चुनाव के मौसम में बढ़ी मांग को दिया जाता है। नाम न बताने की शर्त पर एक कांग्रेस नेता ने बताया, “शराब सिर्फ़ वोट के लिए ही नहीं बांटी जाती, बल्कि मज़दूरों को काम पर रखने के लिए भी प्रावधान किए जाने चाहिए। जिस तरह मज़दूरों के खाने, रहने और यात्रा पर खर्च होता है, उसी तरह शराब पर भी रोज़ाना खर्च ज़रूरी है।” इसी भावना को दोहराते हुए एक बीजेपी नेता ने कहा, “चुनावी मौसम जितना लंबा होगा, शराब की मांग उतनी ही ज़्यादा होगी। शराब एक उम्मीदवार के खर्च का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा होती है।”

चुनावों में शराब का महत्वपूर्ण उपयोग राज्य में विभिन्न अधिकारियों द्वारा की गई जब्तियों से और भी स्पष्ट होता है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चुनावी मौसम के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा 13.31 करोड़ रुपये की 4.05 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की गई। इसमें पुलिस द्वारा जब्त की गई 9.23 करोड़ रुपये की 2.96 लाख लीटर शराब और आबकारी विभाग द्वारा जब्त की गई 4.08 करोड़ रुपये की 1.10 लाख लीटर शराब शामिल है।

इसके अलावा, एजेंसियों ने राज्य में 14 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है, जिसमें अकेले पुलिस ने 13.93 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की हैं। इसके अलावा, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने 4 लाख रुपये की कीमत की 2 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है।

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