नई दिल्ली, 25 मई । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत तेज गति से प्रगति कर रहा है और आगामी वर्षों में आर्थिक व सैन्य रूप से और अधिक ऊंचाई हासिल करेगा।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि यदि भारत की सीमाएं अधिक सुरक्षित होतीं, तो और तेजी के साथ देश की प्रगति हो सकती थी। एनएसए डोभाल शुक्रवार को बीएसई अलंकरण समारोह में रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान दे रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, “अगर पश्चिम व उत्तर में हमारी सीमाएं सुरक्षित होतीं, तो हमारेे देश की प्रगति और तेज हो सकती थी।”
रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में भारत एक प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में उभरेगा।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में बताया था कि कैसे भारत का रक्षा निर्यात 2014 में 600-800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 31 हजार करोड़ रुपये हो गया और अगले पांच वर्षों में इसके 50 हजार करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है।
एनएसए डोभाल ने बीएसएफ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”आज भारत बदल रहा है, हम बदलते समय में जी रहे हैं। अगले 10 वर्षों में हमारा देश न केवल दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, बल्कि दुनिया के सबसे उन्नत देशों और सैन्य शक्ति में भी शामिल होगा। देश आत्मनिर्भर होगा। अब तक हथियारों और उपकरणों का आयातक भारत, अब इसका प्रमुख निर्यातक बन गया है।”
डोभाल ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारी सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। इसका परिणाम आज दिखाई दे रहा है।
डोभाल ने कहा, “प्रधानमंत्री हर दिवाली सुदूर सीमा पर बीएसएफ, आईटीबीपी और सेना के जवानों के साथ न मनाते हैं।”
उन्होंने सीमा से सटे 12 हजार गांवों के सर्वेक्षण के लिए भी प्रधानमंत्री को श्रेय दिया और कहा कि अगर सत्ता में बैठे बड़े नेता सीमाओं की गंभीरता और महत्व को समझते हैं, तो आधा काम अपने आप हो जाता है।
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