September 30, 2024
National

हिमाचल प्रदेश आपदा से निपटने के लिए आग, नदियों और भूस्खलन से निपटने में जुटा

शिमला, 15 जून आपदा तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से आज राज्य भर में 85 स्थानों पर मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया।

हिमाचल प्रदेश सचिवालय में स्थापित कमांड सेंटर में मॉक ड्रिल के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी मौजूद रहे। मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों से विस्तृत जानकारी ली और आगामी मानसून सीजन के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए।

नेगी ने कहा, “इन अभ्यासों का प्राथमिक उद्देश्य आपदाओं के दौरान संचार और प्रतिक्रिया स्थापित करने के लिए आवश्यक समय को कम करना था, जिससे जान-माल का जोखिम कम हो।” उन्होंने कुल्लू, मनाली, मंडी और लाहौल जैसे आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों में सैटेलाइट फोन के उपयोग के महत्व पर जोर दिया क्योंकि वे किसी भी स्थिति के दौरान प्रभावी संचार बनाए रखने के लिए फायदेमंद थे।

उन्होंने आपदा प्रबंधन में सामान्य अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह प्रणाली आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह मोबाइल अलर्ट को समय पर प्रसारित करने में सक्षम बनाती है और आपदा आने से पहले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने में सहायता करती है।

मंत्री ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा जोखिमों को कम करने के लिए विभिन्न स्थानों पर मौसम केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है। उन्होंने हिमस्खलन के खतरों का पता लगाने में सेंसर तकनीक की क्षमता पर भी प्रकाश डाला और एसडीएमए के भीतर जनशक्ति बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर आपदा जागरूकता सामग्री का विमोचन भी किया गया तथा नेगी ने आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया। विशेष सचिव (आपदा) डीसी राणा ने मंत्री को विभाग द्वारा उपयोग किए जा रहे सचेत, आरएमएस राहत, समर्थ, मेघदूत, दामिनी, मौसम तथा ड्रोन मैपिंग एप्लीकेशन के महत्व से अवगत कराया।

वरिष्ठ सलाहकार सुधीर बहल ने आपदा न्यूनीकरण में जिलों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ 14वीं बटालियन के कमांडेंट बलजिंदर सिंह, एडीजी कानून एवं व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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