मुंबई, 16 जून । ईवीएम विवाद पर महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गयी है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मुंबई ईवीएम विवाद पर चिंता जाहिर करते हुए 4 जून को लोकसभा चुनावों की मतगणना के दौरान मतगणना केंद्र में मोबाइल फोन की मौजूदगी के बारे में सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि 4 जून को जब मुंबई में वोटों की गिनती हो रही थी, ताेे मतगणना केंद्र में मोबाइल फोन की मौजूदगी थी। इसे लेकर पुलिस ने 14 जून को एफआईआर दर्ज की थी। यहां से कई सवाल खड़े होते हैं। पहला सवाल यह है कि मतगणना केंद्र में मोबाइल फोन लाने की अनुमति किसने दी, मोबाइल फोन का उपयोग किसलिए किया जा रहा था?
उन्होंने कहा कि एक नई बात यह सामने आई कि मोबाइल फोन का उपयोग ओटीपी के लिए किया जाता है। उस ओटीपी से इलेक्ट्रॉनिक मशीनें खोली जाती है। ये सब नई बातें हैं। सवाल यह है कि ये सब बातें कहां से सामने आयी हैं। एफआईआर की कॉपी का खुलासा नहीं किया गया है, उसे गुप्त रखा गया है।
उन्होंने कहा कि ये खबर मुंबई तक सीमित नहीं है, वैश्विक खबर बन गई है। कोई भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैक हो सकती है, ऐसे में कई सारे सवाल खड़े होते है। मैं चुनाव आयोग से गुजारिश करूंगा कि फौरी तौर पर इस पर एक बयान जारी करें।
दरअसल मुंबई पुलिस ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद रवींद्र वायकर के साले मंगेश पंडिलकर के खिलाफ चुनावी नतीजों के दिन मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि रविंद्र वायकर के साले मंगेश पंडिलकर 4 जून को पाबंदी के बावजूद एक चुनाव अधिकारी का मोबाइल लेकर गोरेगांव के काउंटिंग सेंटर में गए थे।
पंडिलकर ने कथित तौर पर मुंबई के गोरेगांव इलाके में मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, फोन का इस्तेमाल मतगणना केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को अनलॉक करने के लिए ओटीपी जनरेट करने के लिए किया गया था।
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