नई दिल्ली, नेशनल हेराल्ड मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से 13-15 जून तक लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की है। मामले में पूछताछ के लिए नेहरू-गांधी परिवार के वंशज 20 जून को फिर से एजेंसी के सामने पेश होंगे। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार प्रतिशोध की राजनीति के लिए जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।
विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय राजधानी और राज्यों की राजधानियों में कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया, क्योंकि ईडी द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ की जा रही है। कांग्रेस पार्टी का विरोध देश भर के कई शहरों में हिंसक हो गया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और पार्टी के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न शहरों से हिरासत में लिया गया।
देश की सबसे पुरानी पार्टी के हिंसक विरोध ने विभिन्न शहरों में आम लोगों को बहुत परेशान किया।
सीवोटर ने इस मुद्दे पर जनता की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।
सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला कि बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि देश में तीन दिनों तक विभिन्न शहरों में हुए हिंसक प्रदर्शनों के लिए कांग्रेस पार्टी और पुलिस दोनों जिम्मेदार हैं।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस मुद्दे पर हिंसक आंदोलन के लिए कांग्रेस और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया।
साथ ही, जहां 35 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया, वहीं लगभग 25 प्रतिशत ने कहा कि पुलिस इन प्रदर्शनों पर रोक लगाने में विफल रही।
दिलचस्प बात यह है कि जहां विपक्षी समर्थकों के एक बड़े वर्ग, 47 प्रतिशत ने विरोध के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया, वहीं उनमें से केवल 15 प्रतिशत ने इस मुद्दे पर पुलिस की विफलता के बारे में बात की।
लगभग 38 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने हिंसक प्रदर्शन के लिए कांग्रेस पार्टी और पुलिस दोनों को जिम्मेदार ठहराया।
इस मुद्दे पर एनडीए के मतदाताओं की राय के अनुसार, सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए के 43 प्रतिशत मतदाताओं के एक बड़े वर्ग ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए पुलिस और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार ठहराया।
जबकि एनडीए के 27 प्रतिशत मतदाताओं ने अकेले ही इन प्रदर्शनों के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया, उनमें से 31 प्रतिशत ने महसूस किया कि पुलिस विरोध को नियंत्रित करने में विफल रही।
इनमें से ज्यादातर विरोध बड़े शहरों या शहरी इलाकों में हुए।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 45 प्रतिशत शहरी उत्तरदाताओं ने कांग्रेस पार्टी पर हमला किया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस मुद्दे पर पुलिस और कांग्रेस पार्टी दोनों को दोषी ठहराया।
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