नई दिल्ली, 18 जून । नीट पेपर लीक मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के बैनर तले मंगलवार को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी आप नेताओं ने पेपर लीक करने में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब तक इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बीते दिनों इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान जारी कर सुधारात्मक कदम उठाने पर बल दिया था। आरोप है कि पेपर लीक कराने से पहले अभ्यर्थियों से 30 से 40 लाख रुपए लिए गए। अभ्यर्थियों को एक दिन पहले ही इस संबंध में प्रश्न उत्तर रटवा दिए गए थे।
विरोध-प्रदर्शन में शामिल आप नेता राजेंद्र पाल गौतम ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “इस नीट रिजल्ट को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। दोबारा एग्जाम आयोजित करवाया जाए। इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस पूरे मामले को डिफेंड कर रहे हैं, जबकि ना जाने कितने ही बच्चों ने खुद पुलिस के सामने बयान दिया है कि उन्हें रात भर उत्तर पुस्तिका रटवाई गई। वहीं, एनटीए ने पूरी परीक्षा को अंग्रेजी माध्यम में कर दिया है और इसके अलावा परीक्षा में आने वाले प्रश्न 80 फीसद बाहर से हैं। ऐसा कोचिंग संस्थानों को वित्तीय लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। निर्धन पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थी महंगे कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेने में असमर्थ होते हैं।“
उन्होंने कहा, “पहले एग्जाम में सब कुछ 12वीं की पाठ्यपुस्तकों से आया करता था, लेकिन अब 70 फीसद हिस्सा बाहर से आता है। यह सब निजी कोचिंग संस्थानों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इसके लिए बाकायदा एक गिरोह बनाया गया है, जिसमें कोचिंग संस्थान, सरकार और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। इसे रोका जाना चाहिए। इसके अलावा, कोचिंग संस्थान भी बंद होने चाहिए। वहीं पेपर लीक करने वाले लोगों को उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए। इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में समिति गठित करे और उन बच्चों का बयान ले जिन्होंने पुलिस के सामने कहा है कि उन्हें पूरी रात उत्तर पुस्तिका रटवाई गई।“
प्रदर्शन में शामिल आप नेता रीना गुप्ता ने कहा, “नीट एग्जाम देश के प्रमुख एग्जाम में से एक है। पूरे साल बच्चे और उनके माता-पिता संघर्ष करते हैं। मैंने खुद इस एग्जाम को दिया है। मुझे पता है कि माता-पिता को कितनी उम्मीदें होती हैं। इस एग्जाम के लिए बच्चे को एक तरह से संन्यास लेना पड़ता है। वो सब कुछ भूल जाते हैं। उनकी दुनिया ही अलग हो जाती है। 15-15 घंटे बच्चे पढ़ाई करते हैं और तब जाकर उन्हें कुछ उम्मीद होती है कि शायद एग्जाम निकल जाए। अब कुछ बच्चे हैं, जो 12वीं में बिल्कुल बुरे अंक लेकर आए हैं, लेकिन नीट में टॉप किया है। आखिर यह कैसे हुआ? वहीं, कहीं पर एक साथ छह बच्चों को टॉप कर दिया गया है। साफ है कि इस एग्जाम में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। इसकी जांच की जानी चाहिए और इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि इसकी सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच होनी चाहिए। कुछ लोग एनटीए को लेकर कह रहे हैं कि यह तो खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त है। आज हम लोग इसलिए एकत्रित हुए हैं कि पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच हो और मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।“
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