नई दिल्ली, 21 जून। यूजीसी नेट को रद्द करने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला का बयान सामने आया है। याज्ञवल्क्य शुक्ला ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) पर सवाल उठाते हुए शिक्षा मंत्रालय से इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की।
याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि एनटीए की साख पर छात्रों का सवाल उठाना वाजिब है। जिस प्रकार से यूजीसी नेट परीक्षा का मिस मैनेजमेंट से आज कहीं न कहीं विद्यार्थी जगत से सवाल खड़ा हो रहा है। आखिर यूजीसी नेट को लेकर किसी प्रकार से तैयारी देश के अंदर में होनी चाहिए थी। कहीं न कहीं जब देशभर के अंदर छात्रों के मन में आशंका हुई कि परीक्षा और प्रश्न पत्र लीक एक साथ हो रहा है तो एनटीए, यूजीसी कितना सजग है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एनटीए की साख पर सवाल खड़ा होता है। एनटीए परीक्षाओं को लेकर गंभीर नहीं है। परीक्षाओं के आयोजन में मुक्कमल तैयारी नहीं दिखती है। सरकार इस बात को सुनिश्चित करे कि पेपर लीक को लेकर छात्रों के मन में जो सवाल हैं, उसका जवाब मिले। भारत सरकार पेपर लीक जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए फरवरी 2024 में कानून लाई है, उसे और प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी भारत सरकार से मांग है कि सभी परीक्षाएं ट्रांसपेरेंट हो, किसी भी परीक्षा में मिस-मैनेजमेंट ना हो। छात्रों का परीक्षाओं पर भरोसा बना रहे। इस नाते भारत सरकार को कोई भी दोषी हो, उस पर कार्रवाई करते हुए एक मिसाल पेश करने की आवश्यकता है। एबीवीपी की सरकार और शिक्षा मंत्रालय से मांग है कि प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं तो इसके क्या कारण हैं? क्या प्राइवेट सेंटर के कारण पेपर लीक हो रहे हैं? एनटीए के अंदर ब्यूरोक्रेसी की संलिप्तता के कारण प्रश्न पत्र लीक हो रहे है? ऐसे कई प्रश्नों का जवाब सरकार को देना चाहिए।
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