solar power plant will save 50 percent electricity
प्रदेश भर में सरकारी विभागों की छतें अब बिजली तैयार करेंगी। ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहे हिमाचल में सौर ऊर्जा विभाग ने यह पहल की है। इस अभियान की शुरुआत शिमला जिला से हो चुकी है। यहां प्रदेश भर के अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अधिक सरकारी विभागों के कार्यालय हैं। राजधानी समेत पूरे जिला में विभाग कार्यालयों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन संयंत्रों से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल सरकारी विभाग कर रहे हैं और इससे अब 50 फीसदी तक बिजली की बचत हो रही है। इस अभियान को भविष्य में सौर ऊर्जा विभाग प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी शुरू करेगा। शिमला की बात करें, तो यहां इस समय अढ़ाई मेगावाट बिजली का उत्पादन अकेले विभागों की छतें कर रही हैं। पूर्व में ये तमाम विभाग बिजली बोर्ड पर ही निर्भर थे, लेकिन अब विभाग खुद बिजली तैयार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने ग्रीन एनर्जी पर ध्यान देने की बात कही है और इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र बड़े पैमाने पर मददगार साबित हो रहे हैं। सौर ऊर्जा विभाग ने हाल ही में 292 सरकारी स्कूलों में भी सौर ऊर्जा के संयंत्र स्थापित किए हैं, जबकि ऊना और मंडी में पंचायतघरों और डीआरडीए भवन में सौर ऊर्जा के संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जबकि प्रदेश भर में घरों की छतों पर सबसिडी देकर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए दस मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुछ समय पहले तक प्रदेश में बड़े बांध और पनबिजली परियोजनाएं ही उत्पादन कर रही थीं, लेकिन अब बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल विकल्प के तौर पर किया जा रहा है।
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