चंडीगढ़, 2 जुलाई राज्य भर के सरकारी डॉक्टरों ने डॉक्टर्स डे यानी 1 जुलाई को अपनी कई मांगों के प्रति सरकार के “असंवेदनशील और लापरवाह” रवैये के खिलाफ काले बैज पहनकर विरोध जताया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एसएमओने आज इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया।
उनकी प्रमुख मांगों में से एक स्नातकोत्तर (पीजी) बांड राशि में कमी है। वर्तमान में, एक डॉक्टर को 1 करोड़ रुपये की दो जमानत देनी होती है। एचसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ राजेश ख्यालिया ने कहा, “हमें आश्वासन दिया गया था कि बांड राशि घटाकर 50 लाख रुपये कर दी जाएगी। हालांकि, छह महीने बाद भी मामला लालफीताशाही में फंसा हुआ है।”
मेडिकल ऑफिसर (एमओ) के 3,900 पदों में से 1,100 (28 प्रतिशत से अधिक) खाली हैं। इसके अलावा, सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) के 636 पदों में से 250 (करीब 40 प्रतिशत) खाली हैं, और निदेशक के आठ पदों में से पांच खाली हैं। डॉ ख्यालिया ने कहा, “राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है।”
सदस्यों ने कहा कि डॉक्टरों की एमओ से एसएमओ तक नियमित पदोन्नति से संबंधित फाइल लंबे समय से अटकी हुई है, 2002 में एमओ के रूप में शामिल हुए डॉक्टर अभी भी अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह वास्तव में दयनीय है कि डॉक्टर, जो क्लास 1 अधिकारी हैं, नियमित आधार पर पदोन्नति पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
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