November 28, 2024
National

झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन में हलचल, सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा, हेमंत के आवास पर विधायकों की बैठक

रांची, 3 जुलाई । झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन में एक बार फिर हलचल है। राज्य की सरकार में नेतृत्व से लेकर मंत्रिमंडल में परिवर्तन की चर्चा के बीच पूर्व सीएम और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित आवास पर गठबंधन के विधायकों की बैठक शुरू हो गई है।

अब तक सरकार के आठ मंत्री, दो दर्जन से ज्यादा विधायक और झामुमो-कांग्रेस के बड़े नेता पहुंच चुके हैं। गठबंधन सरकार में साझीदार कांग्रेस पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी पहुंचने वाले हैं।

बताया जा रहा है कि इस बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इस बीच सीएम चंपई सोरेन के बुधवार को पूर्वनिर्धारित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। मंगलवार को भी वह दुमका और रांची में पहले से निर्धारित कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे थे। हालांकि बताया गया कि बारिश की वजह से सीएम इन कार्यक्रमों में शिरकत नहीं कर पाए।

दरअसल, 28 जून को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से रेगुलर बेल मिलने और पांच महीने बाद उनके जेल से बाहर आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक परिस्थितियां अचानक से बदलती दिख रही हैं। हेमंत सोरेन ने मंगलवार शाम सीएम चंपई सोरेन से मुलाकात की थी। यह तय है कि अगले तीन से चार महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अगुवाई हेमंत सोरेन ही करेंगे।

ऐसे में बुधवार को हो रही बैठक में सीएम के तौर पर हेमंत सोरेन को वापस लाने या उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम गठबंधन सरकार का नया नेता बनाए जाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि तत्काल ऐसा निर्णय लिए जाने के बजाय गठबंधन के सभी विधायकों से हस्ताक्षर लेकर किसी भी ‘बड़े फैसले’ के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत कर दिया जाए। ऐसा होने से सरकार का ‘निर्णायक बटन’ हेमंत सोरेन के पास होगा।

बीते 31 जनवरी को ईडी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था, तब उसके पहले भी सत्तारूढ़ गठबंधन ने यही तरीका अपनाया था। गठबंधन के विधायकों ने हेमंत सोरेन को फैसले के लिए अधिकृत कर दिया था। जैसे ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया, उन्होंने तत्काल चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया। हेमंत सोरेन इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे थे तो चंपई सोरेन भी उनके साथ थे और उन्होंने उसी पल नई सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया था।

Leave feedback about this

  • Service