नई दिल्ली, 3 जुलाई । प्रधानमंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि मैं विश्व मंच पर जाता हूं। विश्व के अनेक लोगों से मिलता रहता हूं और मैं आज अनुभव कर रहा हूं कि पूरा विश्व निवेश के लिए तैयार है व भारत उनकी पहली पसंद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राज्यों में निवेश आना चाहिए, निवेश का पहला द्वार तो राज्य ही होता है। राज्य जितना ज्यादा इस अवसर को जुटाएंगे, मैं मानता हूं उतना ही उनका विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि यह सदन एक प्रकार से राज्यों से जुड़ा हुआ सदन है और इसलिए मैं राज्यों के विकास की चर्चा सदन में करना उचित मानता हूं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कुछ आग्रह भी साझा करना चाहता हूं। आज हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम अगली क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिए सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में हर राज्य को प्राथमिकता से अपनी नीति बनानी चाहिए। योजनाओं को लेकर आगे आना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चाहता हूं कि राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा हो। निवेश आकर्षित करने वाली नीतियों में स्पर्धा हो और वह भी गुड गवर्नेंस के माध्यम से। रोजगार सृजन में भी राज्यों के बीच स्पर्धा होनी चाहिए। मैं समझता हूं कि यह देश के नौजवानों का भाग्य बदलने में बहुत काम आएगा। आज नॉर्थ ईस्ट में, असम में सेमीकंडक्टर पर तेज गति से काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यूएन ने 2023 को ‘ईयर ऑफ मिलेट’ के रूप में घोषित किया था। मिलेट भारत की अपनी खुद की ताकत है। यह हमारे छोटे किसानों की ताकत है। जहां कम पानी है, जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है वहां पर मिलेट एक सुपर फूड है। मैं मानता हूं कि राज्य इसके लिए आगे आए। मिलेट को लेकर वैश्विक बाजार में जाने की योजना बनाएं और इसके कारण दुनिया की हर टेबल पर भारत का मिलेट होगा। इससे भारत के किसान के लिए समृद्धि के नए द्वार खुल सकते हैं। दुनिया के पोषण बाजार का सॉल्यूशन भी हमारे देश के मिलेट में है। जहां पोषण की चिंता है वहां पर हमारा मिलेट बहुत बड़ा काम कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में ‘इज ऑफ लिविंग’ सामान्य मानव का हक है। मैं चाहता हूं कि राज्य अपने यहां की नीति, नियम व्यवस्था उस तरह से बनाएं कि सामान्य नागरिक को इज ऑफ लिविंग का अवसर मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो हमारी लड़ाई है उसे हमें कई स्तर पर नीचे तक ले जाना पड़ेगा। चाहे वह पंचायत हो, नगर पालिका हो, महानगर पालिका हो, तहसील हो, जिला परिषद हो। इन सारी इकाइयों में एक मिशन के साथ भ्रष्टाचार से मुक्ति का राज्य अगर बीड़ा उठाएंगे तो हम तेजी से देश के सामान्य मानव को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला सकते हैं।
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