सिरसा, 10 जुलाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने आज करोड़ों रुपये के कर चोरी मामले में सिरसा में कई स्थानों पर छापेमारी की।
अधिकारियों के अनुसार, 10,618 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला राज्य के 10 जिलों में फैला हुआ है। सिरसा में फर्जी फर्मों ने सरकारी खजाने को 300 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
ईडी ने कथित फर्जी फर्म संचालकों के घरों और दुकानों के साथ-साथ उनके करीबी सहयोगियों के घरों और व्यवसायों पर भी छापेमारी की। उन्होंने फर्जी फर्मों और संपत्तियों से संबंधित रिकॉर्ड और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज जब्त किए।
सिरसा, फतेहाबाद और कैथल में सुबह-सुबह छापेमारी शुरू हो गई। खबर लिखे जाने तक छापेमारी जारी थी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने मुख्य आरोपी महेश बंसल की हवेली, पुराने घर और दुकान पर छापेमारी की। एक अन्य संदिग्ध पदम बंसल के घर और दुकान पर भी छापेमारी की गई। इसके अलावा ईडी ने न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक घर और जनता भवन रोड पर एक और आवास पर छापेमारी की।
ईडी की टीमों ने फतेहाबाद में व्यापारी रमेश अरोड़ा के घर और सिरसा के एक पूर्व ईटीओ अधिकारी के कैथल स्थित घर पर भी छापेमारी की। कर चोरी के मामले में नाम सामने आने के बाद महेश, रमेश और पदम तीनों को “एमआरपी” के नाम से जाना जाने लगा।
सिरसा में दो पूर्व डीईटीसी अधिकारियों के घरों की भी तलाशी ली गई। ईडी अधिकारियों ने छापेमारी का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। सिरसा में ईडी की मौजूदगी से पूरे राज्य में हलचल मच गई है, जिससे फर्जी फर्म चलाने वालों को छिपना पड़ रहा है।
ईडी की इस कार्रवाई से आबकारी एवं कराधान विभाग में भी हड़कंप मच गया है। सिरसा में वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उन पर आरोप न लग जाएं। कई अधिकारियों पर टैक्स चोरी की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं।
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