एक स्थानीय अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में गिरफ्तार तीन व्यक्तियों दलीप, राहुल और अमित रावत को बरी कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा।
पुलिस ने चंडीगढ़ के सेक्टर 37-सी निवासी विजय कुमार की शिकायत पर 12 सितंबर, 2020 को सारंगपुर थाने में आईपीसी की धारा 307, 341 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि 11 सितंबर, 2020 को रात करीब 8 बजे वह अपनी गाड़ी से धनास मछली मार्केट गए थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्होंने अपनी गाड़ी पार्क की, एक काले रंग की कार उनके पास आकर रुकी। आरोपी कार से उतरे और उन्हें डंडों से पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन 10-15 कदम चलने के बाद गिर गए। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले में उन्हें चोटें आईं।
पुलिस उसे सरकारी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल, सेक्टर 16, चंडीगढ़ ले गई, जहां से उसे पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसे अदालत में पेश किया गया।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष का पूरा मामला शिकायतकर्ता के बयान पर आधारित है, जो घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह था। उसने घटना के बारे में बताया, लेकिन अदालत में आरोपी की पहचान नहीं कर सका। अदालत ने कहा कि इस आधार पर अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में विफल रहा है।
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