September 20, 2024
National

मोदी सरकार के बजट में दिल्ली की जनता को मिला ‘जीरो’ : आतिशी

नई दिल्ली, 23 जुलाई । आम बजट पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली के लिए बजट में ‘जीरो’ मिला है। दिल्ली के लोगों की केंद्र सरकार से मांग थी कि उनके टैक्स के रूप में दिए जाने वाले पैसे का पांच प्रतिशत हिस्सा उन्हें मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली वालों की मांग पूरी नहीं की है। शेयर इन सेंट्रल टैक्स में दिल्ली को एक भी रुपए नहीं मिला है।

आतिशी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकल बॉडी को आर्थिक सहायता देती है, उसी तरह दिल्ली के लोग भी अपने टैक्स का पांच प्रतिशत हिस्सा एमसीडी को देने की मांग कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया है। इस बजट में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपए देश के विभिन्न राज्यों को दिए गए हैं। लेकिन, दिल्लीवालों को इसमें से एक रुपया भी नहीं मिला है। देश की विभिन्न लोकल बॉडी को 82,207 करोड़ रुपए दिए गए हैं। लेकिन, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को एक रुपया नहीं मिला है।

आतिशी ने कहा कि दिल्ली ने केंद्र को पिछले साल 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए इनकम टैक्स और 25 हजार करोड़ रुपए सीजीएसटी के रूप में दिए। कुल मिलाकर 2 लाख 32 हजार करोड़ के टैक्स दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को दिए। इसके बावजूद दिल्ली को इस बजट में कुछ नहीं दिया गया है। पिछले 11 वर्षों में बीजेपी की केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया। दिल्ली वाले हर वर्ष अरविंद केजरीवाल की सरकार को 40 हजार करोड़ का टैक्स देते हैं। इस 40 हजार करोड़ के टैक्स से केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों को बेहतरीन सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक, 24 घंटे मुफ्त बिजली और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा समेत कई सुविधाएं देती है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के ही लोग भाजपा शासित केंद्र सरकार को हर साल 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में देते हैं। लेकिन, केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को कुछ नहीं देती है। केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लिए एक भी काम नहीं किया है। केंद्र सरकार का यह बजट देश के लोगों के लिए नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने के लिए है। युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। महंगाई कम करने के लिए कोई योजना नहीं है। सेना में अग्निवीर योजना की तरह ही अब ये लोग इंटर्नशिप योजना लेकर आए हैं।

आतिशी ने आरोप लगाया कि जैसे अंग्रेजों की सरकार भारत के लोगों का पैसा लूटकर ले जाती थी, वैसे ही भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों का पैसा लूटकर ले जा रही है। केंद्र सरकार ने हेल्थ सेक्टर का बजट घटा दिया है। पिछले साल 1.98 प्रतिशत स्वास्थ्य के लिए था। इस बार ये घटकर 1.85 प्रतिशत हो गया है। आयुष्मान भारत का कुल बजट ही मात्र 7 हजार करोड़ है, जबकि दिल्ली जैसे छोटे राज्य का हेल्थ बजट 9 हजार करोड़ रुपए है। इन आंकड़ों से साफ दिखता है कि केंद्र सरकार का देश और जनता के लिए काम करने का कोई इरादा नहीं है।

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