September 21, 2024
National

मध्य प्रदेश विहिप में बड़ा बदलाव, जितेंद्र पंवार को भोपाल के संगठन मंत्री की मिली जिम्मेदारी

इंदौर, 28 जुलाई । राजस्थान के जोधपुर में हुई विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय बैठक में मध्य प्रदेश में बड़ा बदलाव किया गया है। मध्य क्षेत्र के भोपाल का संगठन मंत्री जितेंद्र पंवार को बनाया गया है।

विहिप की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि केंद्रीय बैठक का समापन रविवार को जोधपुर में हुआ। बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही कुछ दायित्वों में भी परिवर्तन हुए हैं।

प्रमुख परिवर्तन में विहिप भोपाल के क्षेत्र संगठन मंत्री के रूप में जितेंद्र पंवार का हुआ है। जितेंद्र पंवार संघ के वरिष्ठ प्रचारक हैं वे राजगढ़ के मूल निवासी, अशोकनगर में जिला प्रचारक रहे, बाद में झारखंड में विभाग प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक रहे। वर्तमान में मध्य क्षेत्र में क्षेत्र शारीरिक प्रमुख रहे। अब, विश्व हिंदू परिषद में भोपाल क्षेत्र का कार्य देखेंगे।

उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत मालवा, मध्य भारत, महाकौशल और छत्तीसगढ़ प्रांत आते हैं। उन्होंने इससे पहले शासकीय दृष्टि से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया है।

बता दें कि विश्व हिंदू परिषद की राजस्थान के जोधपुर में हुई दो दिवसीय प्रबंध समिति की बैठक का समापन सभी हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिलाने और धार्मिक यात्राओं की सात्विकता बनाए रखने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण संकल्पों के साथ हुआ।

दो दिवसीय बैठक में देश भर में विहिप के 47 प्रांतों सहित विश्व भर के लगभग 300 पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्‍ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बैठक के समापन के बाद मीडिया से बात की।

उन्होंने बताया कि बैठक में प्रत्येक विस्थापित हिंदू को नागरिकता मिले, हिंदू मान्यताओं व परंपराओं की सात्विकता एवं पवित्रता सुनिश्चित करने के साथ, मंदिरों को जागरण, धर्म प्रचार, सेवा व समरसता के केंद्र बनाने का संकल्प लिया गया।

आलोक कुमार ने कहा कि इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को विहिप के 60 वर्ष पूर्ण होंगे। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश भर में हजारों स्थानों पर व्यापक जन जागरण कार्यक्रम कराए जाएं। 24 अगस्त से एक सितंबर के बीच आयोजित होने वाले इन स्थापना दिवस महोत्सव कार्यक्रमों के अंतर्गत विहिप की 60 वर्षों की उपलब्धियां, वर्तमान में राष्ट्र, धर्म व हिंदू समाज के समक्ष चुनौतियां तथा उनके निराकरण के संबंध में चर्चा, सम्मेलन और सार्वजनिक कार्यक्रम होंगे।

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