पानीपत, 1 अगस्त आयुष विभाग, सीआईडी और सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की टीम द्वारा मंगलवार को ददलाना, रेरकलां, बाल जाटान, कवि और धर्मगढ़ गांवों तथा बुधवार को जोड़ासीखास, बिहोली, शिमला गुजरान, मतरोली, डिकाडला और जीतगढ़ गांवों की व्यायामशालाओं का औचक निरीक्षण करने पर पता चला कि वहां व्यायाम केंद्रों की हालत खस्ता है।
अधिकारी एक केंद्र का निरीक्षण करते हुए। संयुक्त टीम का यह तीसरा निरीक्षण था। इससे पहले टीम ने गंजबार, बड़ौली और खोतपुरा गांवों में निरीक्षण किया था और पाया था कि व्यायामशालाएं खस्ताहाल में हैं। राज्य सरकार ने ग्रामीणों और युवाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सभी जिलों के गांवों में व्यायामशालाएं खोली थीं।
सरकार ने इन व्यायामशालाओं में ओपन जिम लगाने के साथ ही शेड, चारदीवारी, कमरे और शौचालय का निर्माण करवाया था। इसके बाद इन व्यायामशालाओं को आयुष विभाग को सौंप दिया गया था। आयुष विभाग को ही इनके संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन हाल ही में हुए औचक निरीक्षण में पता चला है कि अधिकतर व्यायामशालाएं उपेक्षित हैं। संबंधित अधिकारियों की अनदेखी के बीच टीम ने पाया कि केंद्रों में घास उगी हुई है, फर्श टूटे हुए हैं, शौचालय काम नहीं कर रहे हैं और पीने के पानी व बिजली की सुविधा नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, रेरकलां गांव की व्यायामशाला का ट्रैक और ग्राउंड खस्ता हालत में मिला, जिस पर घास-फूस उगी हुई थी, योगा शेड के नीचे फर्श टूटा हुआ था, शौचालयों की हालत खराब थी, पीने का पानी, बिजली और जिम की सुविधा नहीं थी। टीम ने यह भी पाया कि व्यायामशाला करीब 3 किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीण वहां नहीं आते थे।
इसी तरह, बाल जाटान गांव में ग्राउंड और ट्रैक की हालत अच्छी थी, लेकिन शौचालयों की हालत खस्ता थी, बिजली कनेक्शन नहीं था, जिम या पार्क की सुविधा नहीं थी। वहां कोई योग प्रशिक्षक भी नियुक्त नहीं था।
कवि गांव में ग्राउंड और ट्रैक की हालत खस्ता थी, हर जगह जंगली घास-फूस उगी हुई थी, फर्श टूटा हुआ था, शौचालयों की हालत खराब थी और वहां बिजली कनेक्शन, जिम या पार्क नहीं था। पाया गया कि व्यायामशाला में कोई भी ग्रामीण नहीं आता था और मुख्य गेट टूटा हुआ था, जिसके कारण ग्रामीण अक्सर अपने मवेशियों को चरने के लिए छोड़ देते थे। गौरतलब है कि कवि गांव मंत्री महिपाल ढांडा का पैतृक गांव है।
इसी तरह धरमगढ़ गांव में व्यायामशाला की हालत बहुत खराब थी, मैदान और ट्रैक टूटे हुए थे, हर जगह घास-फूस उगे हुए थे, शौचालयों की हालत खराब थी और बिजली या पीने योग्य पानी नहीं था। हालांकि, केंद्र में एक जिम था और पता चला कि सुबह और शाम को लगभग 50 ग्रामीण यहां रोजाना आते थे।
टीम ने अपनी टिप्पणियों की एक रिपोर्ट तैयार की है और इसे आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को भेज दिया है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. संजय राजपाल ने बताया कि इन व्यायामशालाओं का निर्माण पंचायती राज विभाग ने वर्ष 2018-19 में करवाया था। डॉ. राजपाल ने बताया कि अगस्त 2022 में जिले में 42 व्यायामशालाओं का निर्माण किया गया तथा इन केंद्रों के लिए 34 योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई। निरीक्षण के दौरान इनमें से अधिकतर केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई तथा कम लोगों के आने का मुख्य कारण व्यायामशालाओं की गांवों या आवासीय क्षेत्रों से लगभग 2-3 किलोमीटर की दूरी थी। उन्होंने बताया कि इन व्यायामशालाओं का रखरखाव करना ग्राम पंचायत का कर्तव्य है।
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