शिमला, 1 अगस्त हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने इस साल की शुरुआत में बड़े जोर-शोर से अपनी बसों में कैशलेस यूपीआई भुगतान सेवा शुरू की थी, जिसका लाभ यात्री नहीं उठा पा रहे हैं। यात्रियों की
शिकायत है कि हाल ही में जब वे एचआरटीसी की बसों में सवार हुए तो कंडक्टरों ने उन्हें बताया कि टिकटों के लिए ऑनलाइन भुगतान सेवा उपलब्ध नहीं है। कंडक्टरों ने यहां तक दावा किया कि सेवा अभी शुरू ही नहीं हुई है। यात्रियों की यह भी शिकायत है कि कई बार कंडक्टरों ने उनके साथ बदसलूकी की और यहां तक कि उन्हें बस से
उतरने को भी कहा। छात्र अभय वर्मा, नितिका और कमलेश कहते हैं, ‘हमें कांगड़ा से शिमला जाना था और हमने एचआरटीसी बस कंडक्टर से टिकट मांगा था। हमने टिकट के लिए ऑनलाइन भुगतान करने की पेशकश की क्योंकि हमारे पास ज्यादा नकदी नहीं थी लेकिन बस कंडक्टर ने हमें बताया कि ऑनलाइन भुगतान सेवा उपलब्ध नहीं
एक अन्य यात्री मनीष शर्मा का कहना है कि हाल ही में, वह सोलन से शिमला के लिए एचआरटीसी बस में सवार हुए, लेकिन कंडक्टर ने यह कहते हुए टिकट के लिए ऑनलाइन भुगतान लेने से इनकार कर दिया कि यह सेवा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी बसों में यूपीआई भुगतान स्वीकार नहीं किया जा रहा है, लेकिन निजी बसों में यह सेवा उपलब्ध है।
मंडी के सुंदरनगर के निवासी शशि शंकर हाल ही में धर्मशाला जाने वाली एचआरटीसी बस से चूक गए, क्योंकि कंडक्टर द्वारा ऑनलाइन भुगतान स्वीकार नहीं करने के बाद जब वे एटीएम से नकदी निकालकर टिकट का भुगतान करने लौटे तो सभी सीटें बुक हो चुकी थीं। एक अन्य छात्र हितेश ठाकुर के पास भी कहने के लिए कुछ ऐसी ही कहानी है।
इस बीच, एचआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन भुगतान सेवा उनकी बसों में उपलब्ध है और उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है कि कंडक्टर टिकट के लिए नकद भुगतान मांग रहे हैं।
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