नई दिल्ली, 5 अगस्त। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा एक बिल संसद में पेश कर सकती है। इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधन किए जा सकते हैं।
इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि इस बिल को किस मंशा से लाया जा रहा है। आप सुधार के लिए इस बिल को ला रहे हैं या उनकी जगहों पर कब्जे के लिए ला रहे हैं। सारी दुनिया में वक्फ है। ये मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। ये सरकार बैसाखियों पर टिकी हुई है। सत्ता में बने रहने के लिए ये लोग इस तरह के मुद्दों को तूल दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि काफी दिनों से वक्फ बोर्ड को निशाना बनाया जा रहा था। सेंट्रल वक्फ काउंसिल गवर्मेंट ऑफ किया इंडिया की बॉडी है और उसके माध्यम से अलग-अलग स्टेट में वक्फ बोर्ड होते हैं। इस्लाम का कानून है कि इस्लाम का मालिक अल्लाह होता है। न उसका कोई मालिक हो सकता है, न उसे किसी की मिल्कियत में दिया जा सकता हैं। मेरा मानना है कि पहले इसको लेकर वक्फ बोर्ड में चर्चा करनी चाहिए थी। सरकार के इस कदम से देश को नाकामी और बदनामी मिलेगी और देश में इससे किसी का भला नहीं होगा। ये संविधान के खिलाफ है। जनता जाग चुकी है। ऐसे मुद्दे चलने वाले नहीं हैं।
“सरकार इससे पहले भी जल्दबाजी में कई ऐसे ही बिल लेकर आयी, जिससे देश की छवि को, देश के लोगों को काफी नुकसान सहना पड़ा। सरकार किसानों के बिल भी जल्दबाजी में लेकर आयी थी। जिसमें 750 किसानों की शहादत हुई थी”
वहीं, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, “वक्फ बोर्ड की संपत्ति जिस तरह से बर्बाद हो रही है, उस पर पीएम मोदी को ध्यान देना चाहिए। जो वक्फ की संपत्ति पर काबिज है, उन लोगों पर सख्त से सख्त कारवाई करनी चाहिए।”
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