नई दिल्ली, 1981 में 12 अगस्त यानि आज का दिन कंप्यूटर के इतिहास के लिए बहुत महत्पूर्ण है। आज ही के दिन आईबीएम ने अपने पहले पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) को स्टोर्स में पेश किया था।
यह कदम तकनीकी नवाचार की दिशा में एक मील का पत्थर था और इसने पर्सनल कंप्यूटिंग को एक नई दिशा दी। आईबीएम की विश्वसनीयता और तकनीकी विशेषज्ञता ने इस पर्सनल कंप्यूटर को बाजार में तेजी से लोकप्रिय बना दिया। यह आईबीएम का पहला मॉडल 5150 था, जो कि एक क्रांतिकारी डिजाइन के साथ अच्छी गुणवत्ता के पहचाना गया।
आईबीएम पीसी की बेहतरीन तकनीक ने अपने समय की प्रमुख तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा किया था। इसमें एक इंटेल 8088 प्रोसेसर, 16 किलोबाइट रैम और एक 5.25 इंच की फ्लॉपी ड्राइव लगाई गई थी। इसके अलावा, इसके ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में एमएस-डॉस शामिल किया गया था, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने विकसित किया था। इस कंप्यूटर की डिजाइन में आसान विस्तार और अपग्रेड की संभावनाएं थीं, जिसने इसे विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए काफी अनुकूल बना दिया।
आईबीएम पीसी की सफल शुरुआत ने अन्य कंपनियों को भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। यह इसी कंप्यूटर का प्रभाव था कि पर्सनल कंप्यूटर 1980 के दशक के अंत तक घर-घर पहुंच गए। इसके साथ ही, आईबीएम ने अपने पर्सनल कंप्यूटर की आर्किटेक्चर को एक मानक के रूप में स्थापित किया, जिसने उद्योग में एक नया मानक तैयार किया।
आज भी, आईबीएम के इस ऐतिहासिक पर्सनल कंप्यूटर की शुरुआत को कंप्यूटर इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाता है। यह न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि कंप्यूटिंग की दुनिया में बदलाव और प्रगति के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी है।
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