November 27, 2024
National

व्यक्तिगत, राजनीतिक हितों के लिए राष्ट्र हित की अनदेखी उचित नहीं : जगदीप धनखड़

जयपुर, 18 अगस्त । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि राजनीतिक विचारों में अंतर लोकतंत्र की खूबी है, लेकिन इसके लिए राष्ट्र हित की अनदेखी नहीं की जा सकती।

जयपुर में जैन सोशल ग्रुप सेंट्रल संस्थान के देहदानी परिवार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर में देखा जा रहा है कि व्यक्तिगत हित और राजनीतिक स्वार्थ को राष्ट्र हित से ऊपर रखा जा रहा है। अच्छे और बड़े पद पर रहने वाले कुछ लोग ऐसा दिखाते हैं कि देश में कुछ भी हो सकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम किसी भी हाल में राष्ट्रीयता को तिलांजलि नहीं देंगे। अलग-अलग विचार रखना प्रजातंत्र के गुलदस्ते की महक है। राजनीतिक मतांतर प्रजातंत्र की खूबी है, पर यह तब तक ही है जब तक राष्ट्र हित को तिलांजलि न दी जाए।”

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और राजनीतिक हितों के लिए राष्ट्रीय हित को छोड़ना उचित नहीं है। अगर राष्ट्र हित को सर्वोपरि नहीं रखा गया तो राजनीति में मतभेद राष्ट्रविरोधी हो सकते हैं। मेरा मानना है कि ऐसी ताकतें देश के विकास के लिए हानिकारक हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि “भारतीयता” हमारी पहचान है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि आपातकाल का काला अध्याय हाल के चुनावों के साथ समाप्त हो गया। नहीं, हम आपातकाल के अत्याचारों को नहीं भूल सकते, और इसलिए भारत सरकार ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की पहल की है ताकि हमारी नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि एक ऐसा दौर था जब आपके पास कोई मौलिक अधिकार नहीं थे। इस दौरान कार्यपालिका का रवैया तानाशाही प्रवृति का हो गया था। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा।”

कार्यक्रम का आयोजन जैन सोशल ग्रुप्स (जेएसजी) केंद्रीय संस्थान, जयपुर और दधीचि देहदान समिति, दिल्ली द्वारा किया गया था।

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