सिरसा, 21 अगस्त हरियाणा का एक प्रमुख विधानसभा क्षेत्र सिरसा ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह राज्य के गठन से भी पहले स्थापित हुआ था। 1967 में हुए पहले चुनाव के बाद से इस सीट पर काफ़ी चुनावी लड़ाइयाँ हुई हैं, जहाँ मतदाता 2019 तक 13 बार अपने प्रतिनिधि चुन चुके हैं।
लक्ष्मण दास अरोड़ा इस निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में सबसे उल्लेखनीय व्यक्ति के रूप में उभरे हैं। उनके नाम सबसे ज़्यादा चुनावी जीत का रिकॉर्ड है, उन्होंने 10 बार चुनाव लड़ा और कई मौकों पर जीत हासिल की। उनकी राजनीतिक यात्रा 1967 में पहले चुनाव से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने जनसंघ के टिकट पर जीत हासिल की।
हरियाणा की स्थापना के बाद से लक्ष्मण दास अरोड़ा ने सिरसा से कुल 10 विधानसभा चुनाव लड़े, जिनमें से पांच में उन्हें जीत मिली। 1968 में उन्होंने निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए। हार के बावजूद वे हरियाणा सरकार में गृह मंत्री और उद्योग मंत्री रहे।
सिरसा सीट कई महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों के लिए चुनावी मैदान रही है। 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने सिरसा से कॉमरेड शंकर लाल को मैदान में उतारा था। शंकर लाल कई आंदोलनों में सक्रिय रहे और मार्केट कमेटी में चपरासी के पद पर काम किया। बड़े जमींदारों से दुश्मनी के चलते उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। चुनाव जीतने के बाद भी वे रिक्शा पर ही घूमते रहे। सिरसा का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य प्रभावशाली लोगों में प्रेम सिंह, भजन लाल कंबोज और गोपाल कांडा शामिल हैं, जिन्होंने क्षेत्र के राजनीतिक ताने-बाने पर अपनी छाप छोड़ी है। 2019 में सबसे हालिया विजेता गोपाल कांडा ने निर्वाचन क्षेत्र में मजबूत नेतृत्व की परंपरा को जारी रखा है।
10 लाख से ज़्यादा मतदाताओं के साथ, सिरसा एक अहम राजनीतिक सीट है, जो राज्य की राजनीति में काफ़ी प्रभाव रखती है। 529,745 पुरुष और 472,467 महिलाओं वाले मतदाता इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सिरसा निर्वाचन क्षेत्र की विरासत जीवंत और गतिशील बनी रहे।
इस सीट का इतिहास राजनीतिक नेतृत्व की स्थायी शक्ति और इसके मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है, जिसके कारण यह प्रत्येक चुनाव में देखने लायक क्षेत्र बन गया है।
1977 में जनता पार्टी ने शंकर लाल को मैदान में उतारा
सिरसा सीट कई महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों के लिए चुनावी मैदान रही है। 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने सिरसा से कॉमरेड शंकर लाल को मैदान में उतारा था। सिरसा का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य प्रभावशाली लोगों में प्रेम सिंह, भजन लाल कंबोज और गोपाल कांडा शामिल हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र के राजनीतिक ताने-बाने पर अपनी छाप छोड़ी है। 2019 में सबसे हालिया विजेता गोपाल कांडा ने निर्वाचन क्षेत्र में मजबूत नेतृत्व की परंपरा को जारी रखा है।
निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक
1967 लक्ष्मण दास अरोड़ा
1968 प्रेम सुख दास
1972 प्रेम सुख दास
1977 शंकर लाल
1982 लक्ष्मण दास अरोड़ा
1987 हजार चंद कंबोज
1991 लक्ष्मण दास अरोड़ा
1996 प्रोफेसर गणेशी लाल
2000 लक्ष्मण दास अरोड़ा
2005 लक्ष्मण दास अरोड़ा
2009 गोपाल कांडा
2014 मक्खन लाल सिंगला
2019 गोपाल कांडा
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