हमीरपुर, 25 अगस्त हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य मीडिया समन्वयक संदीप सांख्यान ने आज बिलासपुर में जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आरोप लगाने से पहले आत्मचिंतन करना चाहिए, क्योंकि उन्हें स्वयं अपने ‘कुकर्मों’ के कारण अपनी ही पार्टी में महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया गया था।
उन्होंने कहा कि बिंदल ने तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की छवि खराब करने की कोशिश की है, जो अपनी ईमानदारी और राजनीतिक समझदारी के लिए जाने जाते हैं। सांख्यान ने सवाल उठाया कि तत्कालीन सीएम प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के दौरान बिंदल को स्वास्थ्य मंत्री के पद से क्यों हटाया गया।
सांखयान ने कहा, ‘क्या वह कथित एंबुलेंस खरीद घोटाले में शामिल नहीं थे?’ उन्होंने कहा कि बिंदल को यह समझना चाहिए कि उन्हें जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में फिर से क्यों शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि जब बिंदल विधानसभा अध्यक्ष थे, तब विधानसभा में कर्मचारियों के चयन में उनके खिलाफ ‘चुनने और चुनने’ के आरोप लगाए गए थे।
मीडिया समन्वयक ने कहा कि बिंदल को कोविड महामारी के दौरान पीपीई किट और सैनिटाइजर की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के बारे में बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता से जुड़ी घटनाएं स्वच्छ और ईमानदार राजनीति का प्रमाण नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने भी राज्य भाजपा के कृत्यों और आचरण को सबसे शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई “कमजोर” वित्तीय स्थितियों के बावजूद राज्य सरकार राज्य में कामकाज को सामान्य बनाने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष को गैरजिम्मेदाराना बयानों से बचना चाहिए और रचनात्मक सुझाव देने चाहिए।
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