November 24, 2024
National

शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान की हमें चिंता, जांच टीम का किया गठन: नौसेना

नई दिल्ली, 27 अगस्त महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के बाद भारतीय नौसेना ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर इस मूर्ति का अनावरण किया था।

नौसेना ने सोमवार को देर रात एक बयान में कहा, “उसने दुर्घटना के कारणों की तत्काल जांच करने के लिए एक टीम का गठन किया है। ये टीम मौके पर पहुंच प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और उसे फिर से स्थापित करने के लिए कदम उठाएगी।”

बता दें कि सोमवार को सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थित 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति दोपहर करीब 1 बजे गिर गई थी।

नौसेना ने एक बयान में इस घटना पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना सिंधुदुर्ग के नागरिकों को समर्पित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करती है। राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तत्काल जांच करने और प्रतिमा को जल्द ठीक कर फिर से पुनर्स्थापित करने के लिए एक टीम का गठन किया है।”

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने के बाद से राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मूर्ति के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा, “यह प्रतिमा भारतीय नौसेना द्वारा स्थापित की थी, न कि राज्य सरकार ने। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं और उनकी प्रतिमा हमारी पहचान है। प्रतिमा का डिजाइन भी नौसेना ने ही तैयार किया था। मूर्ति के ढह जाने की खबर सुनने के बाद मैंने जिला कलेक्टर से संपर्क किया और मुझे बताया गया कि जब यह घटना हुई तो उस इलाके में 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी, जिससे प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नौसेना के अधिकारी मंगलवार को वहां जाएंगे और सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री रवींद्र चव्हाण भी मौके पर पहुंचेंगे। नौसेना के अधिकारी और राज्य सरकार के अधिकारी स्मारक का निरीक्षण करेंगे। और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पुनर्निर्माण का काम शुरू होगा।”

इससे पहले कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) ने प्रतिमा के गिरने के लिए एकनाथ शिंदे सरकार पर सवाल उठाया था। उन्होंने दावा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल्दबाजी में इसका उद्घाटन किया गया था।

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