गुरुग्राम, उद्योग विहार में लाल टॉवर की तीसरी मंजिल पर यहां चल रहे फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया गया, जहां विदेशी नागरिकों को टेक्स्ट सपोर्ट के बहाने ठगने का आरोप है। पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी चाइल्ड पोर्नोग्राफी का डर बताकर और उनके बैंक अकाउंट डिटेल्स से छेड़छाड़ की आशंका जताकर पीड़ितों पर झूठा दबाव बनाते थे। वे इस एंटीवायरस को बेचने के लिए 200 से 900 डॉलर चार्ज करते थे।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि अपराधी गूगल पे, एपे, स्टीम, एपल, बेस्टबाय और टारगेट गिफ्ट कार्ड के जरिए पैसे वसूल करते थे।
यह फर्जी कॉल सेंटर पिछले कुछ माह से संचालित किया जा रहा था, जहां सेंटर के मालिक ढाई लाख रुपए प्रतिमाह किराया देते थे।
पुलिस के अनुसार, मुख्यमंत्री फ्लाइंग विंग, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (पश्चिम) और उद्योग विहार थाने की एक पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर उद्योग विहार में लाल टॉवर की तीसरी मंजिल पर स्थित कॉल सेंटर पर छापा मारा।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मालिक और मैनेजर समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया और तीन मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, एक इंटरनेट मॉडम, एक लेन कंटेनर और 13,480 रुपये जब्त किए।
मुख्य आरोपियों की पहचान कॉल सेंटर के मालिक शशांक राठौड़ (32), अहमदाबाद (गुजरात) निवासी अभिषेक पांडे (26) और कॉल सेंटर मैनेजर विवेक शिंदे के रूप में हुई।
एसीपी इंद्रजीत यादव ने कहा, “हमें मुख्य इनपुट मिले कि उद्योग विहार के इस फर्जी कॉल सेंटर ने टेक्स्ट सपोर्ट और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बहाने कई अमेरिकी नागरिकों को धोखा दिया है। युवक कॉल सेंटर में कार्यरत थे, जो बिना लाइसेंस के संचालित किया जा रहा था।”
पुलिस अधिकारी ने कहा, “पूछताछ के दौरान, अपराधियों ने खुलासा किया कि अमेरिकी नागरिकों का डेटा उनके मालिक द्वारा प्रदान किया गया था, जिन्होंने ऑनलाइन वेबसाइटों के माध्यम से डेटा खरीदा था और दैनिक आधार पर अमेरिकी नागरिकों को थोक संदेश भेजते थे।”
उन्होंने कहा, “मामले की जांच चल रही है और अन्य लोगों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। उद्योग विहार पुलिस स्टेशन में दोषियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।”
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