November 25, 2024
National

‘कसा आहे भाऊ?’, जब पीएम मोदी ने ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले को उनकी मातृभाषा में दी बधाई

नई दिल्ली, 29 अगस्त । पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले स्वप्निल कुसाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑब्जरवेशन पावर से मंत्रमुग्ध हैं। चाहे बात एक खिलाड़ी को सपोर्ट करने की हो, देश में खेलों को बढ़ावा देने की बात हो, इन सभी मामलों में पीएम आगे रहते हैं। खेलों के प्रति उनका लगाव किसी से छुपा नहीं है। स्वप्निल कुसाले ने भी पीएम मोदी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया।

स्वप्निल ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उनकी मातृभाषा मराठी में उनसे बातचीत की थी।

स्वप्निल कुसाले ने कहा, “जब मैंने पेरिस में मेडल जीता तो पीएम मोदी का मेरे पास फोन आया था। उनका पहला शब्द था ‘कसा आहे भाऊ?’ ये मेरी मातृभाषा है और उनका इस अंदाज में बात करना मेरे लिए बहुत खास था और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने मुझसे कहा कि आपने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। पूरे देश को आप पर गर्व है।”

स्वप्निल ने एक पुराना किस्सा भी शेयर किया, जब पेरिस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने अपने आवास पर खिलाड़ियों से बातचीत की थी। उन्होंने बताया कि इस बातचीत के दौरान मैं बहुत पीछे बैठा हुआ था लेकिन जब मेरी पीएम से फोन पर बात हो रही थी, तब उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने पिछली मुलाकात में आपको नोटिस किया था और आप काफी चुपचाप और शांत बैठे थे।

स्वप्निल ने कहा, “मैं ये सुनकर हैरान रह गया था। और यह सोच रहा था कि पीएम कितनी छोटी-छोटी चीजों को भी नोटिस करते हैं। वो खिलाड़ियों से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों को नोटिस करते हैं, यह सराहनीय है।”

स्वप्निल ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता। वह इस स्पर्धा में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।

इससे पहले शनिवार को आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कुसाले ने प्रधानमंत्री मोदी के उन शब्दों को याद किया, जो उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पेरिस में पदक जीतने के बाद कहे थे।

कुसाले ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के बाद मुझे सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा महसूस हुई। जब मुझे उनका फोन आया, तो उन्होंने मराठी में मेरा अभिवादन किया और उनकी बातें सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा। वह हर एथलीट को जानते हैं और हर एथलीट पर बहुत बारीकी से नजर रखते हैं तथा हर किसी की जरूरतों का ख्याल रखते हैं। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि खेलों से पहले प्रधानमंत्री के घर की हमारी यात्रा के दौरान उन्होंने मुझे नोटिस किया था ।”

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