बागी नेता और शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के संयोजक जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला ने सुखबीर सिंह बादल से पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
यह आदेश शुक्रवार को श्री अकाल तख्त द्वारा दिए गए उस आदेश के बाद आया है, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को “तनखैया” या धार्मिक दुराचार का दोषी घोषित किया गया था, तथा उन्हें 15 दिनों के भीतर श्री अकाल तख्त के समक्ष पेश होने को कहा गया था।
जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल पंथ की अदालत में अपराधी हैं। जिस व्यक्ति को तनखैया कहा जाता है, उसका पंथ में बहुत निचला स्थान है। सुखबीर सिंह बादल के फैसलों के कारण पंथ और देश का बहुत बड़ा पतन हुआ है, जिसका नतीजा यह हुआ है कि आज शिरोमणि अकाली दल हाशिये पर चला गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज के फैसले के बाद सुखबीर सिंह बादल को तुरंत अपना इस्तीफा देकर एक विनम्र सिख होने का सबूत देना चाहिए था, लेकिन दुख की बात है कि इन पदों पर होने के बावजूद वह अपनी राजनीतिक जिद के कारण अपनी इच्छा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है।’’
उन्होंने कहा, “अकाल दल के इतिहास में यह दुर्लभ है कि अकाली दल के किसी अध्यक्ष को तनखैया घोषित किया गया हो।”
जत्थेदार वडाला ने संतोष व्यक्त किया कि पंथ को नई दिशा देने में उनके प्रयास सफल हो रहे हैं।
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