बोकारो, 31 अगस्त । केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड विधानसभा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश में किसानों और खेती को उन्नत करने के प्रति बेहद गंभीर है।
उन्होंने कहा कि खेती और किसानों को खुशहाल करने की दिशा में हमारी सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हमारी सरकार खेतों और किसानों को खुशहाल बनाने के लिए छह मूल मंत्र पर काम कर रही है। हमारा पहला उद्देश्य कृषि उपज बढ़ाना, दूसरा कृषि उपज की लागत घटाना, तीसरा किसानों को उनकी उपज का ठीक मूल्य दिलाना, चौथा फसलों की पैदावार में वृद्धि करना और खेती के नुकसान की भरपाई करने के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल है। ये तमाम ऐसे कदम उठाए जाने हैं जिससे किसानों की हालत को सुधारने के साथ-साथ खेती को उन्नत बनाया जा सकता है।
बोकारो में ‘झारखंड किधर’ विचार संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के लिए भी पहुंचे।
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनका पार्टी में स्वागत करते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी।
इसके पहले चंपई सोरेन ने कहा था कि वह झारखंड के नवनिर्माण का संकल्प लेकर भारतीय जनता पार्टी में आए हैं।
जनसभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंपई सोरेन उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जिनके संघर्षों की बदौलत अलग झारखंड का निर्माण हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ऐसे नेता को अपमानित करने का काम किया है। अब वे भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और नए झारखंड के निर्माण का संकल्प लेकर आए हैं।
इसके पहले 28 अगस्त की रात उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पत्र में पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन से अपनी व्यथा जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा था, “अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिस के लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।”
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