अहमदाबाद, 2 सितंबर अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ( एईएसएल) की ओर से सोमवार को कहा गया कि कंपनी की ओर से खावड़ा फेस-IV पार्ट-ए ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। इससे देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी के रूप में एईएसएल की स्थिति और मजबूत होगी।
4,091 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में 298 किलोमीटर लंबी 7 गीगावाट की ट्रांसमिशन लाइन है, जो कि खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति करेगी।
एईएसएल की ओर से यह प्रोजेक्ट टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रोसेस से जीता गया है। इस प्रोजेक्ट को अगले 24 महीने में कमीशन किया जाएगा और 35 वर्षों तक कंपनी इसकी देखरेख करेगी।
एईएसएल के सीईओ कंदर्प पटेल ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क खावड़ा को वर्ल्ड क्लास के साथ मजबूत और फ्यूचर रेडी ट्रांसमिशन नेटवर्क की जरूरत है।
यह निवेश 30 गीगावाट की क्षमता वाले रिन्यूएबल पार्क खावड़ा से बिजली ट्रांसमिशन करने के साथ ग्रिड की स्थिरता के लिए भी जरूरी है।
पटेल ने आगे कहा, “एईएसएल को इस पहल का हिस्सा बनने पर काफी गर्व है। यह राष्ट्रीय ग्रिड में ग्रीन एनर्जी के प्रवाह के साथ भारत के नेट जीरो का लक्ष्य पाने में मदद करेगा।”
खावड़ा आईवीए पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) है, जिसे आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) द्वारा खावड़ा रिन्यूएबल पार्क से 7 गीगावाट की बिजली उठाने के लिए बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एईएसएल द्वारा इसका अधिग्रहण किया गया था।
एईएसएल के पास अब 21,783 सीकेएम की ट्रांसमिशन लाइन्स हैं। साथ ही 61,686 एमवीए की ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता है।
अदाणी ग्रुप की ओर से गुजरात के खावड़ा में 30 गीगावाट की क्षमता वाला रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बनाया जा रहा है। इसमें सोलर के साथ पवन ऊर्जा से भी बिजली का उत्पादन किया जाएगा।
कंपनी का कहना है कि अदाणी ग्रुप खावड़ा को एक बंजर जमीन से भारत के नेट जीरो लक्ष्य के तहत एक लैंडमार्क के रूप में विकसित कर रही है।
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