कोच्चि, 4 सितम्बर । मलयालम फिल्म निर्देशक रंजीत ने यौन उत्पीड़न मामले में अग्रिम जमानत को लेकर केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बंगाली अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद रंजीत ने पिछले महीने केरल राज्य चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
अभिनेत्री ने आरोप लगाया था कि 2009 में उन्हें कोच्चि के एक फ्लैट में बुलाया गया था, जहां रंजीत ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।
रंजीत के लिए परेशानी जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट के आने के कुछ दिनों बाद शुरू हुई, जो मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाले बड़े पैमाने पर यौन शोषण के मुद्दों से संबंधित है।
अभिनेत्री द्वारा की गई ई-मेल से की गई शिकायत के आधार पर एर्नाकुलम टाउन पुलिस स्टेशन में रंजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि, रंजीत ने अपनी जमानत याचिका में उन पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें 15 साल बाद फंसाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अकादमी में लोगों का एक वर्ग उन्हें पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ साजिश रच रहा है।
हेमा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिल्म उद्योग में काम करने वाली महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें यौन उत्पीड़न, लिंग भेदभाव, कार्यस्थल में सुरक्षा की कमी, मूलभूत सुविधाओं की कमी और वेतन में असमानता शामिल हैं।
महिला अभिनेत्रियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद इस मामले में अब तक नौ फिल्मी हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें मुकेश, सिद्दीकी, जयसूर्या, एडावेला बाबू, मनियन पिल्लई राजू, निर्देशक रंजीत, वी. के. प्रकाश, प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव विचू और नोबल शामिल हैं।
विजयन सरकार ने मामले की जांच के लिए चार महिला आईपीएस अधिकारियों वाली सात सदस्यीय जांच टीम गठित की है।
भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीड़िताओं के साथ होने का दावा करने के बावजूद विजयन सरकार गलत काम करने वालों के साथ मिली हुई है।
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