भाजपा ने अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व मंत्री और पार्टी नेता राव नरबीर सिंह ने आज घोषणा की कि उन्हें बादशाहपुर से टिकट मिला है। द ट्रिब्यून से बात करते हुए नरबीर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्हें टिकट दिया गया।
कांग्रेस में जाने की धमकी दी थी राव नरबीर सिंह ने 1 सितंबर को धमकी दी थी कि अगर उन्हें बादशाहपुर सीट से भाजपा का टिकट नहीं दिया गया तो वह कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे राव नरबीर की सीट पर दावेदारी को उस समय चुनौती मिली जब पूर्व सांसद सुधा यादव ने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन से बादशाहपुर से टिकट मांगा।
उन्होंने कहा, “जब कई नेता पार्टी के भविष्य की परवाह न करके मेरे टिकट को रोकने की कोशिश कर रहे थे, तब गृह मंत्री अमित शाह ने मुझसे मुलाकात की। हरियाणा में पार्टी के तीसरे कार्यकाल को लेकर हमारी चर्चा सार्थक रही। मैं बादशाहपुर से चुनाव लड़ रहा हूं।” जैसे ही यह खबर फैली, उनके समर्थकों ने गुरुग्राम स्थित उनके घर के सामने पटाखे फोड़कर जश्न मनाना शुरू कर दिया। हालांकि, पार्टी ने खबर लिखे जाने तक उनकी उम्मीदवारी की पुष्टि नहीं की है। जश्न की तस्वीरें वायरल होने से दूसरे नेताओं का मनोबल जरूर टूटा।
बादशाहपुर से टिकट के संभावित उम्मीदवारों में से एक ने कहा, “अगर उन्हें टिकट मिल रहा है, तो यह स्पष्ट है कि पार्टी में केवल दबाव और दबाव की राजनीति ही काम करती है और समर्पण या कड़ी मेहनत के लिए कोई जगह नहीं है। हममें से कई लोगों को पार्टी के साथ अपने जुड़ाव पर फिर से विचार करना होगा।”
ऐसी खबरें हैं कि राव नरबीर ने विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की है, लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की।
नरबीर महीनों से इस बात को लेकर मुखर रहे हैं कि कैसे पार्टी की अंदरूनी राजनीति के कारण उन्हें 2019 में टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने चुनाव घोषित होने से पहले ही अपनी उम्मीदवारी का पक्का ऐलान कर दिया था। वे सबसे भरोसेमंद उम्मीदवार के रूप में सामने आए, जिन्होंने चेतावनी दी कि अगर भाजपा ने उन्हें मैदान में नहीं उतारा, तो पार्टी हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा सीट हार जाएगी।
राव नरबीर की सीट पर दावेदारी तब चुनौती बन गई जब पूर्व सांसद सुधा यादव बादशाहपुर से टिकट मांगने मैदान में उतरीं। बताया जाता है कि उन्हें गुरुग्राम के सांसद और अहीर नेता राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन प्राप्त था। परेशान नरबीर ने घोषणा की थी कि अगर भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे।
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