ग्रेटर नोएडा, 11 सितंबर । सेमीकॉन इंडिया 2024 कार्यक्रम का शुभारंभ करने ग्रेटर नोएडा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशी और विदेशी मेहमानों से कहा कि भारत दुनिया का आठवां देश है जहां ग्लोबल सेमीकंडक्टर से जुड़ा आयोजन हो रहा हे। मैं कह सकता हूं “दिस इज द राइट टाइम टू बी इन इंडिया” आप सही समय पर सही जगह पर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इस दशक के अंत तक भारत के युवाओं के लिए 60 लाख जॉब क्रिएट होगी। पीएम ने कहा, हमें यह याद रखना है कि जब टेक्नोलॉजी के साथ डेमोक्रेटिक वैल्यू जुड़ जाती है, तब टेक्नोलॉजी की पॉजिटिव एनर्जी बढ़ जाती है। अगर टेक्नोलॉजी से डेमोक्रेटिक वैल्यू हट जाती हैं, तो टेक्नोलॉजी घातक हो जाती है।
पीएम मोदी ने कहा, “21वीं सेंचुरी के भारत में द चीक्स आर नेवर डाउन… सिर्फ इतना ही नहीं, आज का भारत दुनिया को भरोसा देता है- वेन द चीक्स आर डाउन यू कैन बेट ऑन इंडिया।”
पीएम मोदी ने कहा, “सेमी कंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता डायोड से जरूर पड़ता है। डायोड में एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में जाती है। लेकिन, भारत के सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायस लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में जाती है। आपके मन में आएगा कैसे? तो यह इंटरेस्टिंग है। आप निवेश करते हैं और वैल्यू क्रिएट करते हैं। वहीं, सरकार आपको स्टेबल पॉलिसी और इज ऑफ डूइंग बिजनेस देती है।”
पीएम मोदी ने कहा, “सेमी कंडक्टर की आपकी इंडस्ट्री इंटिग्रेटेड सर्किट से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको एक इंटिग्रेटेड इकोसिस्टम देता है। भारत के डिजाइनर, उनके जबरदस्त टैलेंट को आप भली-भांति जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20% योगदान भारत करता है। इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम 85 हजार टेक्नीशियन-इंजीनियर और आरएनडी एक्सपर्ट की सेमी कंडक्टर वर्कशॉप तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने स्टूटेंड्स और प्रोफेसर्स पर है। कल ही अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।”
पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने वन ट्रिलियन रुपए का स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया है। इससे सेमी कंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन का दायरा बहुत तेजी से बढ़ने वाला है। हम सेमी कंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा आपके पास थ्री डी पावर भी है। पहली- भारत की आज की हमारी रिफॉर्मिंग गवर्नमेंट, दूसरा- भारत में ग्रोइंग मैन्युफैक्चरिंग बिल्ट्स। तीसरा- भारत का मार्केट। एक ऐसा मार्केट जो टेक्नोलॉजी का टेस्ट जानता है। आपके लिए थ्री डी पावर ऐसा बेस है, जो कहीं और मिलना मुश्किल है। भारत की टेक ओरिएंटेड सोसाइटी बहुत यूनिक है। भारत के लिए चिप का मतलब टेक्नोलॉजी भर नहीं है। हमारे लिए यह करोड़ों एक्सपीरियंस को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ट किया है। भारत में लास्ट मैन डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज यह छोटी सी चिप बड़े-बड़े काम आ रही है।”
पीएम मोदी ने कहा, “कोरोना काल में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम चरमरा गए, तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का यूपीआई, रुपे कार्ड हो या डिजी लॉकर से लेकर डिजी यात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए थे। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर एक सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। भारत में डाटा सेंटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यानी ग्लोबल सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। एक पुरानी कहावत रही है- जो चल रहा है, उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का यंग भारत इस भावना में नहीं चलता है। आज भारत का मंत्र है-इंक्रीजिंग द नंबर्स ऑफ चिप प्रोड्यूसिंग इन इंडिया। इसलिए हमने सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर फैसिलिटी लगाने में 50% योगदान भारत सरकार और राज्य सरकारें अपने स्तर से कर रही हैं।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए का इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुका है। कई प्रोजेक्ट अभी पाइप लाइन में हैं। सेमीक्रॉन इंडिया प्रोग्राम भी एक अद्भुत योजना है। हम फाइनेंशियल सपोर्ट कर रहे हैं। यानी भारत में 360 डिग्री अप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन सिस्टम को आगे बढ़ा रही है। मैंने इस साल लाल किले से कहा है कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो।
पीएम मोदी ने कहा, “सेमी कंडक्टर पावर हाउस बनाने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सबकुछ करने वाला है। क्रिटिकल मिनरल्स के घरेलू उत्पादन के लिए हमने क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की घोषणा की है। क्रिटिकल्स मिनरल्स को कस्टम ड्यूटी से छूट देना हो, माइनिंग जैसी चीजों पर तेजी से काम हो रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, हम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस में एक सेमी कंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हम आईआईटी के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं। ताकि हमारे इंजीनियर न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाए बल्कि नेक्स्ट जनरेशन चिप पर भी काम करें।
“आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग है। इसी साल भारत इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउंसिल का वाइस चेयर बन चुका है। हम कोर सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन के भी पार्टनर हैं। हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भारत भी अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है। आप सभी भारत के सेमी कंडक्टर मिशन के बारे में जानते हैं। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि भारत इस पर फोकस क्यों कर रहा है। ऐसे लोगों को डिजिटल इंडिया मिशन को जरूर पढ़ना चाहिए। डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य देश को पारदर्शी, प्रभावी और लीकेज फ्री गवर्नेंस देना था। आज हम इसका अनुभव कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया मिशन के लिए हमें मोबाइल और डाटा की जरूरत थी। हमने जरूरी रिफॉर्म और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया।”
3 दिवसीय सेमीकॉन इंडिया में 29 देशों के डेलीगेट्स शामिल हो रहे हैं। यूपी का पहला सेमीकंडक्टर पार्क डेवलप होने से पहले यह एक्सपो बहुत अहम माना जा रहा है। अनुमान है कि इससे करीब 5 लाख युवाओं को जॉब मिलेगी। साथ ही, सेमीकंडक्टर (इलेक्ट्रॉनिक चिप) बनाने में देश आत्मनिर्भर होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि सेमी कंडक्टर पावर हाउस बनाने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सबकुछ करने वाला है। क्रिटिकल मिनरल्स के डोमेस्टिक प्रोडक्शन के लिए हमने क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की घोषणा की है। क्रिटिकल्स मिनरल्स को कस्टम ड्यूटी से छूट देना हो, माइनिंग जैसी चीजों पर तेजी से काम हो रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, हम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस में एक सेमी कंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हम आईआईटी के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं। ताकि हमारे इंजीनियर न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाए बल्कि नेक्स्ट जनरेशन चिप पर भी काम करें। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन चिप हो। भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए का इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। कई प्रोजेक्ट अभी पाइप लाइन में हैं। सेमीक्रॉन इंडिया प्रोग्राम भी एक अद्भुत योजना है।
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