वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि संविधान संशोधन के बिना ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए कम से कम पांच संविधान संशोधनों की जरूरत है, जिसके लिए मौजूदा सरकार के पास जनादेश नहीं है।”
उन्होंने कहा, ‘‘पहले मनोहर लाल खट्टर और अब नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और यही कारण है कि आज हरियाणा में देश में सबसे खराब आर्थिक संकेतक हैं।’’
आंकड़ों और आंकड़ों से लैस चिदंबरम ने कहा, “हरियाणा मूल रूप से एक कृषि राज्य है क्योंकि हरियाणा की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी इसी क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाती है। इस सरकार के लापरवाह रवैये के कारण किसानों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ा और सड़कों पर आना पड़ा।”
चिदंबरम ने कहा, “2014 में हरियाणा के एक औसत परिवार का कर्ज करीब 79,000 रुपये था, जो पांच साल बाद बढ़कर 1,82,922 रुपये हो गया है। अब तक यह और भी बढ़ गया होगा, क्योंकि ताजा स्थिति के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि कड़वा सच यह है कि कृषि ऋण का 32 प्रतिशत हिस्सा निजी साहूकारों का है और यह साबित करता है कि पिछले 10 वर्षों में किसानों को पर्याप्त संस्थागत ऋण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना और फसल बीमा योजना जैसी बहुप्रचारित केंद्रीय योजनाएं हरियाणा के किसानों की स्थिति सुधारने में विफल रही हैं।
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