रांची, 17 सितंबर । केंद्र सरकार की ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ युवाओं के लिए लाभकारी साबित हो रही है। लेकिन, झारखंड के लाभार्थियों ने इस योजना को लेकर सवाल उठाए है। आईएएनएस से बातचीत में लाभार्थियों ने कहा है कि ये एक अच्छी योजना है, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
लाभार्थी दिलीप कुमार शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “मैं बढ़ई का काम करता हूं। ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को बहुत सोच-समझकर पिछले साल शुरू किया गया था। मगर हमारा मानना है कि केंद्र और राज्य सरकार में समन्वय नहीं होने के कारण झारखंड में इस योजना का अच्छे से लाभ नहीं मिल पा रहा है। फिर भी हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंच पाएगा।”
उन्होंने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ की तारीफ करते हुए कहा, “यह एक अच्छी योजना है, कुशल कारीगरों के लिए यह योजना वरदान के समान है, ताकि वे इस जुड़कर लाभ उठा सकें। मगर योजना से जुड़ी जो कमियां अभी सामने आ रही हैं, उसके समाधान में विलंब न किया जाए। हमारी पीएम मोदी से यही अपील है कि लोगों तक इसका लाभ जल्द से जल्द पहुंचे। साथ ही इस योजना की मॉनिटरिंग भी करनी चाहिए।”
कारपेंटर जयप्रकाश शर्मा ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के बारे में बताया कि उन्होंने हाल ही में इस योजना का फॉर्म भरा है। उन्हें बताया गया है कि एक-दो महीने के भीतर इसकी ट्रेनिंग शुरू होगी। यह योजना बहुत अच्छी है, लेकिन इसमें हो रही देरी एक चिंता की बात है।
जिला उद्योग केंद्र में कार्यरत शेखर प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, “अब तक 15 हजार से अधिक पंजीकरण हुए हैं, लेकिन ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को तीन लेवल पर रखा गया था। सबसे पहले लोगों को एक फॉर्म भरना था, इसके बाद मुखिया अपने पोर्टल को आगे बढ़ाएगा, क्योंकि एक मुखिया ही बता सकता है कि जो लोग फॉर्म भर रहे हैं वो कारीगर है या नहीं। मगर हर कोई शख्स इसका फॉर्म भर रहा है और अपने काम के बारे में गलत तरीके से जानकारी दे रहा है। इन्हीं कारणों से लाभार्थियों तक इस योजना के पहुंचने में देरी हो रही है।”
उन्होंने कहा, “इस योजना में एक साल तक देरी इसलिए हुई है, क्योंकि वेरिफिकेशन में ही काफी समय चला गया। हमारे पास इस समय करीब 15 हजार लोगों का डाटा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई को शुरू की जाएगी।
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