नई दिल्ली, 26 सितंबर । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर 360 डिग्री सुरक्षा वाली हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एबीएचईडी (एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डिफेट) नामक इन जैकेटों को आईआईटी, दिल्ली स्थित डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) में विकसित किया गया है। एबीएचईडी जैकेटों का विकास पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री का उपयोग करके किया गया।
मंत्रालय ने कहा, “डिजाइन विन्यास उच्च तनाव दर पर विभिन्न सामग्रियों के लक्षण-निर्धारण पर आधारित है, इसके बाद डीआरडीओ के सहयोग से उपयुक्त मॉडलिंग और सिमुलेशन किया गया है।” जैकेटों के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार सभी आवश्यक अनुसंधान और परीक्षण किए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा, “ये जैकेट भारतीय सेना द्वारा निर्धारित अधिकतम वजन सीमा से हल्के हैं। विभिन्न बीआईएस स्तरों के लिए 8.2 किलोग्राम और 9.5 किलोग्राम के न्यूनतम संभावित वजन के साथ, ये मॉड्यूलर-डिजाइन जैकेट आगे और पीछे के कवच के साथ 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करते हैं।”
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र तीन उद्योगों को इसकी प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिए तैयार है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा, “यह हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट डीआरडीओ, शिक्षा जगत और उद्योग द्वारा सफल रक्षा अनुसंधान और विकास के प्रभावी पारिस्थितिकी तंत्र का उदाहरण है।”
रक्षा अनुसंधान और विकास में उद्योग और शिक्षा जगत को शामिल करने के लिए 2022 में आईआईटी दिल्ली में डीआरडीओ के संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र को संशोधित करके डीआईए-सीओई का गठन किया गया था।
यह डीआरडीओ वैज्ञानिकों, अकादमिक शोधकर्ताओं और उद्योग भागीदारों को शामिल करते हुए उन्नत प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न परियोजनाओं को आगे बढ़ा रहा है।
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