December 22, 2024
National

हिमाचल में ‘सॉफ्ट’ हिंदुत्व वाली छवि बनाने की कोशिश कांग्रेस के अंदर ही कलह का कारण !

Attempt to create a ‘soft’ Hindutva image in Himachal is the cause of discord within the Congress!

नई दिल्ली, 26 सितंबर । उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भाजपा की सरकार जिस तरह के फैसले आम जनता के हित में ले रही है। उसी राह पर अब कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश चल निकला है।

एक तरफ हिमाचल में कांग्रेस के नेता की तरफ से शिमला के संजौली मस्जिद का विवाद शुरू किया गया और एक के बाद एक इस तरह के कई मामले प्रदेश के कई हिस्सों में बवाल का कारण बन गए।

इधर, वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर जो केंद्र सरकार की तरफ से विधेयक संसद में रखा गया है, उसे भले जेपीसी के पास भेजा गया है और दूसरी तरफ कांग्रेस इस विधेयक का विरोध कर रही हो। लेकिन, प्रदेश कांग्रेस के नेता और हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह इस मामले पर पार्टी लाइन से अलग सोच रखते हैं।

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर पार्टी लाइन से अलग बयान देते दिखे। वह इस कानून में सुधार के पक्ष में बयान देते दिखे।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत की बात कही और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ”हिमाचल और हिमाचलियत के हित सर्वश्रेष्ठ, सर्वत्र हिमाचल का संपूर्ण विकास। जय श्री राम! समय के साथ हर कानून में तब्दीली लाना आवश्यक है। वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है।”

वहीं, दूसरी तरफ विक्रमादित्य सिंह को योगी सरकार का मॉडल भा गया। जिस तरह से देव भूमि हिमाचल की जनता वहां की डेमोग्राफी के बदलाव को लेकर सड़कों पर विरोध कर रही है। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह ने ऐलान कर दिया कि हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह हर भोजनालय और फास्ट फूड रेहड़ी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

दरअसल, ऐसा ही फैसला यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा हाल ही में जारी किया गया है। अब, कांग्रेस के भीतर ही हिमाचल सरकार के इस फैसले के खिलाफ बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता हिमाचल सरकार के इस फैसले की मुखालफत कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने भी विक्रमादित्य के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार विक्रमादित्य सिंह के इस फैसले के ऐलान से पार्टी आलाकमान नाखुश है और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी हाईकमान नाराज है। ऐसे में यह भी सूचना मिल रही है कि विक्रमादित्य सिंह को इस मामले पर पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब करके उन्हें फटकार भी लगाई है। इसके साथ ही हिमाचल सरकार के इस फैसले को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने प्रभारी राजीव शुक्ला को मामले की जानकारी दी है।

इस सबके बीच हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सरकार के इस फैसले पर आईएएनएस से कहा, ”अब यह बात सरकार के संज्ञान में आई है।” उन्होंने विक्रमादित्य सिंह के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि सरकार ने यह फैसला किया है कि खाने की दुकान लगाने वाले लोगों की पहचान होनी चाहिए कि वह कौन हैं और कहां से आए हैं। इसके अलावा, जो सामान वह बेच रहे हैं, उसकी शुद्धता बनी रहे, इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है।”

उन्होंने कहा, ”लोग क्या खा रहे हैं, उसमें क्या मिलाया गया है, यह देखना सरकार का भी फर्ज है। हम यह नहीं चाहते हैं कि दूसरे राज्य से हमारे यहां आने वाले पर्यटक यहां का खाना खाकर बीमार पड़ जाएं।”

क्या यह कानून यूपी की तर्ज पर लाई गई है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हमारे यहां अपना कायदा-कानून है, हम यूपी को क्यों फॉलो करेंगे।”

ऐसे में साफ पता चल रहा है कि हिमाचल में ‘सॉफ्ट’ हिंदुत्व वाली छवि बनाने की कांग्रेस की कोशिश पार्टी के अंदर ही कलह का कारण बन गई है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जहां एक तरफ हिमाचल सरकार के इस फैसले से नाराज है, वहीं पार्टी के हिमाचल प्रदेश के कई नेता अभी भी इस फैसले के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं।

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