राजिंदर अग्रवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरदासपुर ने सीजेएम-सह-डीएलएसए रमनीत कौर और सीजेएम आरपीएस चीमा के साथ रेड क्रॉस नशा मुक्ति केंद्र गुरदासपुर का दौरा किया, केंद्र के कामकाज की समीक्षा की और यहां इलाज करा रहे युवाओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने इलाज करा रहे मरीजों से बातचीत की और उनकी पीड़ा सुनी।
रोमेश महाजन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त परियोजना निदेशक आर.सी.-आई.आर.सी.ए. ने उनका स्वागत किया तथा उन्हें इस केंद्र की कार्यप्रणाली के बारे में बताया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अग्रवाल ने युवाओं को नशे से मुक्ति पाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने विजिटर बुक में भी शानदार टिप्पणी की: “नशा न केवल पीड़ित के लिए बल्कि उसके परिवार, समाज और देश के लिए भी हानिकारक है। श्री रोमेश महाजन और उनकी टीम नशे के आदी लोगों को रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करके एक महान सेवा कर रहे हैं। वे लगन से काम कर रहे हैं और पीड़ितों को सांत्वना और सहानुभूति प्रदान कर रहे हैं। यह वास्तव में समुदाय के लिए एक महान सेवा है।”
इस केंद्र से उन्होंने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के तहत जागरूकता कार्यक्रम ‘नशा मुक्ति-मानवता को हानि’ अभियान भी शुरू किया।
इस अभियान का उद्घाटन करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने युवाओं को इस अभियान का हिस्सा बनने और पहले अपने घरों में तथा फिर अपने मोहल्लों/कॉलोनियों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे न्यायपालिका के राजदूत बन सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान के तहत न्यायपालिका द्वारा जिला प्रशासन/एनजीओ के सहयोग से नशा प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने मरीजों के सफल उपचार के लिए रेड क्रॉस डीडीसी गुरदासपुर द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उनके दौरे से मरीजों को प्रेरणा मिली और उन्होंने मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया।
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