नोएडा, 2 अक्टूबर । नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में जल्द ही नया नियम बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके बाद बिल्डर बायर्स के साथ धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगे और उन्हें फ्लैट की बुकिंग करने के साथ-साथ उसकी रजिस्ट्री भी करवानी होगी। इसके चलते सरकार को राजस्व का नुकसान भी नहीं होगा।
अक्सर देखा गया कि बिल्डर मुनाफा कमाने के लिए एक ही फ्लैट कई लोगों को बेच देता है। वो अपना तो मुनाफा कमा लेता है, लेकिन इससे राजस्व की बड़ी हानि होती है। नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि क्योंकि नोएडा में त्री पक्षीय रजिस्ट्री होती है। यहां जितनी बार भी फ्लैट बिकेगा प्राधिकरण को ट्रांसफर चार्ज देना होगा। जिसे तकनीकी रूप से ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम कहते है। बिल्डर अब ये चालाकी नहीं कर सकेगा। नए नियम के तहत बिल्डर को एग्रीमेंट टू सेल करने के साथ ही बायर्स की रजिस्ट्री करानी होगी। जिससे बायर्स को मालिकाना हक मिलेगा।
ऐसा करने से बायर्स का पूरा रिकॉर्ड प्राधिकरण में अपडेट हो जाएगा। इससे बिल्डर किसी दूसरे को फ्लैट नहीं बेच सकेगा। यदि ऐसा करता है तो बायर्स को प्राधिकरण से टीएम कराना होगा और चार्ज देना होगा। दूसरा बायर्स को समय से फ्लैट मिलेगा। अब तक ये व्यवस्था लागू नहीं थी। ऐसे में बिल्डर धोखे से एक ही फ्लैट को कई बार बेचकर मुनाफा कमाता था। साथ ही बायर्स के साथ भी धोखाधड़ी होती थी। ऐसे कई मामले रेरा और नोएडा के थानों में दर्ज है। जिसमें बिल्डर ने बायर्स से धोखाधड़ी करके एक ही फ्लैट कई लोगों को बेचा और सभी से टीएम के नाम पर पैसे लिए।
नए नियम के तहत कोई बायर्स बिल्डर से फ्लैट खरीदने जाता है। बुकिंग के समय 10 प्रतिशत राशि देकर बिल्डर उसके पक्ष में एग्रीमेंट टू सेल एक्सक्यूट करेगा। साथ ही इस प्रॉपर्टी की वैल्यू के अनुसार स्टॉप ड्यूटी देते हुए इसे रजिस्टर कराना होगा। निर्माण पूरा होने के बाद पजेशन देते समय 100 रुपए के स्टांप पेपर पर पजेशन डीड रजिस्टर किया जा सकता है।
नोएडा में सबसे बड़ी समस्या रजिस्ट्री नहीं होना है। यहां बिल्डरों ने प्राधिकरण का पैसा जमा नहीं किया। जिसके एवज में प्राधिकरण ने रजिस्ट्री रोक दी है। अमिताभ कांत सिफारिश के बाद बिल्डर से 25 प्रतिशत राशि लेकर रजिस्ट्री की जा रही है। नए नियम के तहत ऐसा कुछ नहीं होगा। जैसे ही बायर्स फ्लैट की राशि 10 प्रतिशत देकर बुकिंग कराएगा, उसी समय बिल्डर बायर्स के पक्ष में एग्रीमेंट टू सेल करते हुए कुल वैल्यू की स्टांप ड्यूटी देते हुए रजिस्ट्री कराएगा। एक बार रजिस्ट्री होने से बायर्स को मालिकाना हक मिलेगा। साथ ही डर समाप्त हो जाएगा कि उसका फ्लैट कही और नहीं बिका है। प्राधिकरण या सरकार को राजस्व मिलेगा। साथ ही बिल्डर की ओर से की जाने वाली हेराफेरी समाप्त होगी।
इससे संबंधित एक पत्र नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की ओर से भेजा गया है। यमुना प्राधिकरण ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर इसे अपने यहां लागू कर दिया है। वहीं नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक भी जल्द होने जा रही है। इस प्रस्ताव को बोर्ड में लाया जाएगा। वहां से अप्रूवल मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
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