वाराणसी, 4 अक्टूबर। वाराणसी में साईं बाबा की मूर्ति को मंदिरों से हटाए जाने के मामले में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह हमारे लिए संत हैं और उनका अपमान नहीं होना चाहिए।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “सनातन धर्म के 127 संप्रदाय हैं, सभी संप्रदायों की अपनी मान्यता है और हम उसका सम्मान करते हैं। संभव है कि एक मान्यता दूसरी मान्यता से टकराए। मैं यही कहूंगा कि हमें किसी का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। आज जिस प्रबंधन ने मूर्ति को हटाया गया है, उसे आठ साल पहले ही उन्होंने मंदिर में स्थापित किया था।”
जितेंद्रानंद सरस्वती ने सवाल उठाते हुए पूछा कि जिसने प्रतिमा को स्थापित किया, आज उसकी आस्था अनास्था में कैसे बदल गई? या फिर महाराष्ट्र चुनाव को देखते हुए यह एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा तो नहीं है, ताकि लोगों में एक गहरी खाई पड़ जाए और इस साजिश के तहत हिंदू समाज बंट जाए।
उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि इस मामले में अलग-अलग पहलुओं से जांच करनी चाहिए, हम साईं को भगवान की श्रेणी में नहीं रखते हैं, लेकिन वह हमारे लिए संत है और संत का अपमान नहीं होना चाहिए”
बता दें कि वाराणसी में साईं बाबा की मूर्ति को मंदिरों से हटाए जाने के मामले में यूपी पुलिस ने गुरुवार को कार्रवाई की। पुलिस ने सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया है। मंदिर के पुजारी की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
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