पंजाब के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मिड-डे मील के मामले में कई ऐसे स्कूल विभाग की नजर में आए हैं, जो मिड-डे मील में विद्यार्थियों की फर्जी उपस्थिति दिखाते हैं भोजन पकाने की लागत वसूल रहे हैं, जबकि कुछ स्कूल विभाग द्वारा जारी मध्याह्न भोजन मेनू के अनुसार भोजन और फल उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जो विभाग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
मामला ध्यान में आने पर शिक्षा विभाग की पंजाब मिड डे मील सोसायटी ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है और आने वाले दिनों में इस संबंध में प्रदेश भर के स्कूलों में अचानक निरीक्षण की संभावना निश्चित है।
जानकारी के मुताबिक, पंजाब मिड-डे मील सोसाइटी ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सख्त निर्देश जारी किया है, जिसमें स्कूलों में मिड-डे मील को लेकर बरती जा रही अनियमितताओं पर कड़ा संज्ञान लिया गया है कि कई विद्यालयों में साप्ताहिक मेनू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं बनाया जा रहा है, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को मौसमी फल नहीं दिये जा रहे हैं.
छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखायी जा रही है, जबकि समय-समय पर स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि विद्यालयों में छात्रों की वास्तविक उपस्थिति के अनुसार साप्ताहिक मेनू के आधार पर मध्याह्न भोजन बनाया जाये साप्ताहिक मेनू के तहत यदि किसी विद्यालय में इन निर्देशों का उल्लंघन पाया जाता है तो विद्यालय प्रधान पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।
क्या है मध्याह्न भोजन का मेनू
इस मेनू के अनुसार छात्रों के लिए सप्ताह में एक बार खीर भी बनायी जायेगी़ विभाग द्वारा तय किये गये मेनू के अनुसार सोमवार को दाल (मौसमी सब्जियों के साथ मिश्रित) व रोटी, मंगलवार को राजमा चावल. बुधवार को आलू के साथ सफेद चना और गुरुवार को पूड़ी और रोटी, शुक्रवार को मौसमी सब्जी और रोटी, शनिवार को दाल मंह चना, चावल और मौसमी फल परोसे जायेंगे.
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