समग्र शिक्षा राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को वित्तीय साक्षरता, करियर जागरूकता, जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करेगी। इसके लिए समग्र शिक्षा ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके अलावा छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए समग्र प्रगति कार्ड लागू किया जाएगा। समग्र शिक्षा की ओर से राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन की ओर से क्षेत्रीय निदेशक प्रत्यूष दास ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समग्र शिक्षा के प्रवक्ता ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को रोजगार शिक्षा से जोड़ना तथा समग्र प्रगति कार्ड (एचपीसी) अपनाना है।
प्रवक्ता ने बताया, “इसके तहत छात्रों को रोजगार शिक्षा कार्यक्रम (ईईपी) के माध्यम से वित्तीय साक्षरता, करियर जागरूकता और जीवन कौशल की शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा, कार्ड का इस्तेमाल कक्षा 6वीं से 8वीं तक के छात्रों के लिए किया जाएगा, जिसके माध्यम से छात्रों की कई क्षेत्रों में प्रगति का आकलन किया जाएगा और इससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित होगा।”
इस समझौते से स्कूली शिक्षकों और मास्टर प्रशिक्षकों की क्षमता बढ़ेगी, ताकि वे छात्रों का कौशल आधारित मूल्यांकन कर सकें, मूल्यांकन मानदंड तैयार कर सकें और नौकरी से संबंधित शिक्षा मॉड्यूल को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। प्रवक्ता ने कहा, “समग्र शिक्षा और मैजिक बस जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs) और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के साथ मिलकर काम करेंगे।”
मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ यह साझेदारी शिक्षकों को छात्रों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करने और उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करेगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो अकादमिक और व्यावसायिक रूप से सक्षम युवाओं को तैयार करने पर जोर देते हैं।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
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