October 22, 2024
National

रोहण गुप्ता ने सीजेआई के बारे में रामगोपाल यादव के बयान की निंदा की

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी के नेता रोहण गुप्ता ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ के बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव की टिप्पणी और उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा के मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी।

रोहण गुप्ता ने कहा, “जो लोग संविधान के नाम पर अपनी राजनीति करते हैं। ऐसी टिप्पणियों से उनकी असलियत उजागर होती है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता द्वारा दिया गया ऐसा बयान स्वीकार्य नहीं है। इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। लेकिन, हैरानी की बात है कि अब तक पार्टी की तरफ से उन पर किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को ऐसे नेता को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। लेकिन, अफसोस वह किसी भी प्रकार की कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे उनका दोहरा पैमाना साफ जाहिर हो रहा है। आखिर देश के न्यायतंत्र से जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई नेता इस तरह का बयान देने की हिम्मत कैसे जुटा सकता है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।”

उन्होंने बहराइच हिंसा पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “तुष्टिकरण में इतने आगे बढ़ चुके हैं कि उनको सत्य दिखता नहीं है। मैंने पहले भी कहा है, जिस प्रकार से झंडा निकाला गया, वह गलत है, तो क्या उसकी सजा मौत हो सकती है? उस मौत के खिलाफ आपने कुछ नहीं कहा। लेकिन, इसके बाद जब एनकाउंटर हुआ, तो आपने उस पर सवाल उठा दिया। ये लोग सेलेक्टिव एक्टिविज्म करते हैं। मैं फिर से कहता हूं कि तुष्टिकरण के पीछे भागना गलत है, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “ये लोग कानून-व्यवस्था की बात कर रहे हैं। मैं कहता हूं कि अगर यह लोग कानून-व्यवस्था की बात करते हैं, तो ऐसी स्थिति में इन्हें मुजफ्फरनगर का दंगा तो जरूर याद होगा। मैं पूछना चाहता हूं कि तब किसकी सरकार थी। तब सत्ता में कौन था और इन लोगों ने इस हिंसा में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ क्या कदम उठाया था। यह जगजाहिर है।”

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों राम जन्म भूमि मामले को लेकर सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा था कि अक्सर हमारे पास कई मामले प्रकाश में आते हैं। लेकिन, उसके लिए समाधान के रास्ते नहीं निकल पाते हैं। अयोध्या का मामला भी कुछ ऐसा ही था, जो कि तीन महीने तक मेरे पास ही था। उन्होंने कहा था कि अगर आपके अंदर आस्था है, तो भगवान विषम परिस्थितियों में आपकी मदद जरूर करेंगे।

इसी संबंध में जब रामगोपाल यादव से सवाल किया गया, तो उन्होंने दो टूक कहा, “मुझे इस संबंध में किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करनी है। जब भूतों को जिंदा करते हो, मुर्दों को करते हो, तो वह भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं… आपको अभी भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है… अरे छोड़ो, इस तरह की बातें करते रहते हैं तो क्या मुझे उन्हें संज्ञान में लेना चाहिए।” सीजेआई के लिए रामगोपाल यादव के अपशब्द को लेकर भाजपा सपा पर हमलावर हो गई।

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