द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। इस दौरान ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और जलवायु परिवर्तन सहित प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
निवेश के अध्यक्ष और केल्स्टरबाक के मेयर मैनफ्रेड ओकेल के नेतृत्व में जर्मन प्रतिनिधिमंडल में रसेल्सहेम के लार्ड मेयर पैट्रिक बर्गहार्ट, रौनहेम के मेयर डेविड रेंडेल और फ्रैंकफर्ट के सांसद तथा डिजिटलीकरण के प्रवक्ता राहुल कुमार जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल थे।
सीएम सैनी ने हरियाणा के “गो ग्लोबल अप्रोच” पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को बढ़ावा देना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। उन्होंने राज्य के मजबूत औद्योगिक आधार, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में नेतृत्व और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के अपने दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। सैनी ने हरियाणा की महत्वाकांक्षी औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स योजनाओं के उदाहरण के रूप में केएमपी ग्लोबल कॉरिडोर, हिसार में एकीकृत विमानन हब और मेगा फूड पार्क जैसी प्रमुख पहलों की ओर इशारा किया।
विज्ञापन
दोनों पक्षों ने पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक नीतियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और स्थिरता परियोजनाओं पर संभावित सहयोग पर चर्चा की। जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने ऊर्जा दक्षता और जलवायु लचीलेपन में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए हरित प्रौद्योगिकी पहलों पर काम करने में रुचि व्यक्त की। उन्होंने हरियाणा के तीव्र आर्थिक विकास और नवाचार और तकनीकी उन्नति में राइनमेन क्षेत्र के नेतृत्व के बीच समानताओं को भी स्वीकार किया, जो दीर्घकालिक साझेदारी की संभावना का संकेत देता है।
विदेश सहयोग विभाग (एफसीडी) ने एफडीआई को आकर्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने और राज्य को वैश्विक व्यवसायों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए हरियाणा के लक्ष्यों को प्रस्तुत किया। जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उच्च तकनीक विनिर्माण, डिजिटलीकरण और सतत विकास में जर्मनी की ताकत पर प्रकाश डाला, हरियाणा के साथ सहयोग के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान किए।
Leave feedback about this