सोनीपत में बुधवार को जिला परिषद सदस्यों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। जिला परिषद सदस्य संजय बड़वासनिया ने अन्य सदस्यों के साथ घोड़े पर सवार होकर सिर पर चारे की गठरी रखकर पुलिस लाइन से जिला परिषद कार्यालय तक मार्च निकाला।
बड़वासनिया ने कहा कि जिला परिषद सदस्य विकलांग हैं, क्योंकि उनके पास विकास कार्यों से संबंधित कोई अधिकार नहीं हैं, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परेशान होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार को जिला परिषद सदस्यों को प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए का अनुदान देना चाहिए, ताकि वे अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवा सकें।
उन्होंने कहा कि जिस तरह विधायकों और सांसदों के लिए कोटा तय किया गया है, उसी तरह जिला परिषद सदस्यों के लिए भी कोटा तय किया जाना चाहिए।
बड़वासनिया ने आगे कहा कि जिन पार्षदों के क्षेत्र में मात्र 12,000-15,000 वोट हैं, वे अपने वार्डों में 60 करोड़ से 70 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, लेकिन जिला परिषद सदस्यों के पास, जिनके अंतर्गत 18-20 गांव हैं, उनके पास अपने क्षेत्रों में काम कराने का अधिकार नहीं है।
सदस्यों ने जिला योजना समिति (डीपीसी) के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले डीपीसी होती थी, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद से समिति का गठन नहीं हुआ। बड़वासनिया ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव से पहले वे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले थे और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान जिला परिषद सदस्य संत कुमार, देवेंद्र कुमार, कुलदीप, राजेश, नरेंद्र कुमार, यशपाल बाजना, विकास बुटाना, जय सिंह ठेकेदार समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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