नोएडा, 26 अक्टूबर । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण उत्तर प्रदेश के नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार पहुंच गया है। इस स्थिति के चलते स्थानीय निवासियों में आंखों में जलन, गले में खराश और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगी हैं।
नोएडा की गायनोलॉजिस्ट डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि लगातार बढ़ते प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं और आम लोगों को बचने के लिए कई उपाय करने चाहिए। नोएडा की स्थिति इस समय अत्यंत खराब है, जो पूरी तरह से धुंध और धुएं से भरी हुई है। इसमें धुएं के साथ तरल कण भी मिल गए हैं, जो और भी हानिकारक हैं। इस समय एक्यूआई 300 के पार जा चुका है, गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। बढ़ते प्रदूषण का असर गर्भ में पल रहे बच्चों पर पड़ सकता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है और बच्चों में जन्मजात विकृतियों की संभावना भी बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे संक्रमण और श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए, तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए। अगर बाहर जाना आवश्यक हो, तो उन्हें एन95 मास्क पहनना चाहिए। घर के अंदर रहने के दौरान, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। अगर एयर प्यूरीफायर उपलब्ध नहीं है, तो कुछ प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर जैसे मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट और स्नेक प्लांट को घर में लगाना चाहिए।
डॉ. मीरा पाठक ने कहा कि इसके साथ ही, संतुलित और स्वस्थ आहार लेना भी महत्वपूर्ण है। गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में चार रंगों के खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए – सफेद (दही, दूध), नारंगी (संतरे, गाजर), लाल (टमाटर), हरे (हरी सब्जियां) आदि। इससे उनकी इम्युनिटी बढ़ेगी। डॉक्टर ने यह भी बताया कि हल्दी और लहसुन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने से प्रदूषण से सुरक्षा मिलेगी। यदि गर्भवती महिलाएं इन उपायों का पालन करती हैं, तो निश्चित रूप से इसका सकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों पर पड़ेगा।
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