सरकारी बसों में माल ढुलाई का निर्णय जरूरी है क्योंकि यात्री खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर हैं जबकि सेब की पेटियां और अन्य सामान सीटों पर रखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बसों की संख्या सीमित है, यह बहुत चिंता का विषय है। बसों की सीटों पर अतिरिक्त माल रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बसें यात्रियों की सुविधा के लिए होती हैं, सामान ढोने के लिए नहीं। सरकार को बसों में माल ढुलाई की सीमा तय करनी चाहिए ताकि यात्रियों को परेशानी न हो। सोनम, उदयपुर
45 साल बाद भी संपर्क सड़क का निर्माण नहीं
तलाड़ा-कुल्लागाड़ संपर्क मार्ग का 45 साल में तीन बार शिलान्यास होने के बावजूद सैंज घाटी में अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है। सीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत भलाण पंचायत के गांवों को जोड़ने के लिए सात किलोमीटर सड़क का निर्माण होना था। लेकिन बजट के अभाव में निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। पूरन चंद, कुल्लू
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